महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी(BJP) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है. राज्य में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं का आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के राज्यसभा सदस्यों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू को शिकायत दी. शिकायत पत्र में भाजपा सांसदों ने करीब आठ घटनाओं का हवाला दिया है. राज्यसभा सदस्य विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में राज्यसभा सांसद भागवत कराड और डॉ. विकास महात्मे ने आयोग से कहा कि राज्य में दिसंबर 2019 के बाद से मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखने वालों पर अत्याचार किया जाता है. 23 दिसंबर 2019 को हीरामन तिवारी नामक एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर कमेंट किया तो सत्ताधारी शिवसेना के नेताओं ने हमला करते हुए बाल ही मुड़वा दिए थे. भाजपा सांसदों ने बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में हुई दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग का मामला भी उठाया.
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार में मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सभी मामलों को संज्ञान में लेते हुए जांच करते हुए, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.