Bihar: नेताओं की 'मुलाकातों' के बाद बिहार में सियासी तपिश, क्या फिर बदलेंगे समीकरण?

बिहार में मौसम में गर्माहट के साथ ही नेताओं की हो रही 'मुलाकातों' के बाद कयासों का दौर शुरू है, वहीं सियासत में भी गर्माहट देखी जा रही है.

सीएम नीतीश कुमार (Photo Credits ANI)

पटना, 16 फरवरी : बिहार (Bihar) में मौसम में गर्माहट के साथ ही नेताओं की हो रही 'मुलाकातों' के बाद कयासों का दौर शुरू है, वहीं सियासत में भी गर्माहट देखी जा रही है. जनता दल (युनाइटेड) (Janata Dal (United)) के घोर विरोधी पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) (Lokjan Shakti Party) के राज्य में एकमात्र विधायक के जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी के साथ मुलाकात के कुछ दिन गुजरे हैं कि लोजपा के सांसद चंदन कुमार सिंह भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मुलाकात और भाकपा नेता कन्हैया कुमार की चौधरी से मुलाकत ने बिहार की सियासत गर्म कर दी है. इन नेताओं की मुलाकातों के बाद चर्चा का बाजार गर्म है, लेकिन इसके बाद सफाई भी खूब दी जा रही है, लेकिन चर्चा थम नहीं रही है. बिहार में जेएनयू के छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार ने जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकत की, तो अचानक राजनीति भी गर्म हो गई. इसके कई अर्थ निकाले जाने लगे. दोनों नेताओं ने मित्रों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई और सोफे पर बैठकर लंबी गुफ्तगू भी की.

इन दिनों जदयू लगातार अपने कुनबे को बढ़ाने में लगे हैं. यही कारण है कि बसपा के एकमात्र विधायक जमां खान जदयू में आकर मंत्री पद पा चुके हैं और निर्दलीय सुमित सिंह भी जदयू को समर्थन देकर मंत्री की कुर्सी संभाल रखी है. गौरतलब है कि कन्हैया वामपंथी दल के बड़े चेहरे हैं और पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में वामपंथी दल ने राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़कर अच्छी सफलता भी पाई है. ऐसे में भले ही इस मुलाकात को औपचारिक बताया जा रहा है, लेकिन इसको लेकर कयासों का दौर जारी है. कन्हैया कुमार की यह मुलाकात इस कारण खास हो गई है कि हाल ही में उनके खिलाफ पार्टी ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है. कहा जा रहा है कि पार्टी के कई नेता भी उनके खिलाफ हैं. इधर, लोजपा के सांसद चंदन कुमार भी नीतीश कुमार के 'दरबार' में सोमवार को हाजिर हुए और दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई. इस मुलाकात के बाद सांसद ने भले ही कहा कि क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई है, लेकिन इसके कई मायने निकाले जाने लगे हैं. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी ने लिया बड़ा एक्शन, विधायक हरिओम यादव को पार्टी से किया निष्कासित

लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने अपने सांसद की मुख्यमंत्री से मुलाकात के बारे में सफाई देते हुए कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात की होगी. उन्होंने कहा कि लोजपा एकजुट है और इस मुलाकात के राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. इधर, जदयू के अध्यक्ष आरसीपी सिंह कहते हैं कि एकमात्र जदयू ऐसी पार्टी है कि आपमें अगर मेधा है और कार्य करने की क्षमता है तो आप कोई भी पद पा सकते हैं. उन्होंने तो यहां तक कहा कि वे तो सभी युवाओं से जदयू से जुड़ने की अपील कर रहे हैं. वैसे, इन मुलाकातों को लेकर विपक्षी दलों में भी तपिश महसूस की जा रही है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने को अगर इसमें भी सत्ताधारी के लेाग समझ रहे हैं कि कोई पार्टी टूट रही है, तो यह गलत है. बहरहाल, इन मुलाकातों के बाद सफाई दी जा रही है लेकिन ऐसी ही मुलाकातों के बाद जमां खान और निर्दलीय सुमित सिंह भी जदयू के हो चुके हैं. ऐसे में लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार सिंह के मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात के बाद लोजपा के सांसद चंदन कुमार के मुख्यमंत्री से मुलाकात पर इसकी चर्चा जोरों पर है कि जदयू अपने 'तीर' से लोजपा के 'चिराग' बुझाने को लेकर कहीं बहुत आगे तो नहीं निकल चुकी है. वैसे, इसे लेकर अभी बहुत कुछ कहा जाना जल्दबाजी है.

Share Now

\