Bihar: नीतीश सरकार का फैसला- फिलहाल नहीं होगा पंचायत चुनाव, परामर्शी समिति का होगा गठन
बिहार सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में पंचायत चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया है. सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल भी नहीं बढ़ेगा. सरकार अब चुनाव नहीं कराने की स्थिति में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन करेगी. कोरोना की वजह से ये कयास लग रहे थे कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा.
पटना, 1 जून (आईएएनएस)| बिहार सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) नहीं कराने का फैसला लिया है. सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल भी नहीं बढ़ेगा. सरकार अब चुनाव नहीं कराने की स्थिति में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन करेगी. कोरोना (Corona) की वजह से ये कयास लग रहे थे कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा. सरकार ने इस फैसले के जरिए उन सभी कयासों पर विराम लगा दिया. नीतीश कुमार (Nitish Kumar मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक के बाद यह तय हो गया कि फिलहाल पंचायत चुनाव नहीं होगा. यह भी पढ़ें- Bihar: सीएम नीतीश कुमार ने संक्रमण से माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 'बाल सहायता योजना' देने की घोषण की.
पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को कहा, "बिहार में पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा." मंत्री ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस संबंध में ट्वीट भी किया है. इधर, सरकार में शामिल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.
उन्होंने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी जनप्रतिनिधि को 5 वर्ष से ज्यादा के कार्यकाल की इजाजत नहीं दी गयी है और उसमें चुनाव की प्राथमिकता सबसे उच्च है. लेकिन, कोरोना के कारण आज बिहार में बिल्कुल विपरीत परिस्थितियां चल रही हैं जिनमें त्रि-स्तरीय पंचायती चुनाव कराना संभव नहीं है."
उन्होंने आगे लिखा, बिहार में पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में पंचायत समिति और परामर्शी समिति का गठन करने का निर्णय लेने के लिए बिहार सरकार को धन्यवाद. इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. मांझी ने कहा कि समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण पंचायतों में परामर्श समिति का गठन करने जैसे कैबिनेट फैसले लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद.
उन्होंने कहा, "परामर्श समितियों में वर्तमान पंचायत सदस्यों के साथ-साथ विधायक प्रतिनिधि भी शामिल होंगें जिससे गांवों का विकास बाधित नहीं होगा." उल्लेखनीय है कि राज्य में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है. कोरोना काल के कारण सरकार और राज्य निर्वाचन विभाग ने अब तक तिथि की घोषणा नहीं की थी. गौरतलब है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव नहीं होने की स्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी.