बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत में सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन (Harsh Vardhan) व बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) के खिलाफ एक मामला दायर किया गया. इन पर एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) से बीते पखवाड़े में लापरवाही बरतने की वजह से 82 बच्चों की मौत का आरोप लगाया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अदालत में सोमवार को मामला दायर किया. याचिका में कहा गया कि हर्ष वर्धन व मंगल पांडेय, एईएस प्रकोप को नियंत्रित करने की अपने ड्यूटी को पूरा करने में विफल रहे हैं. एईएस से बच्चों की सालों से मौत के बावजूद इन दोनों ने प्रभावित क्षेत्रों में लोगों में जागरूकता व संवेदनशीलता पैदा करने के लिए कुछ नहीं किया.
अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 24 जून की तारीख तय कर दी. हाशमी ने कहा कि उन्होंने भारतीय दंड सहिता (आईपीसी) की धारा 323, 308 व 504 के तहत आरोपी हर्ष वर्धन व मंगल पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा, "लापरवाही व बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से उचित इलाज नहीं मिलने से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है." यह भी पढ़ें- बिहार में स्वास्थ्य मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोते नजर आने पर बोले अश्विनी चौबे- मैं सो नहीं रहा था, मनन-चिंतन कर रहा था, देखें Video
Bihar: A case has been registered against Union Health Minister Dr Harsh Vardhan and Bihar Health Minister Mangal Pandey in Muzaffarpur for not spreading awareness about Acute Encephalitis Syndrome (AES) prior to the outbreak. (file pics) pic.twitter.com/UdHhqJYXtu
— ANI (@ANI) June 17, 2019
हर्ष वर्धन, उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे व बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने मुजफ्फरपुर में सरकारी श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का रविवार को दौरा किया.