पटना, 8 जनवरी 2021. बिहार में नीतीश सरकार पर कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) लगातार हमलावर है. सूबे में आपराधिक घटनाओं सहित तमाम मसलों को लेकर राज्य सरकार से आरजेडी सवाल पूछ रही है. इन सबके बीच 14 जनवरी के बाद सूबे में नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार होने की खबरें सामने आ रही हैं. इससे पहले ही बिहार सरकार की सहयोगी हम ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दिया है. जिससे एनडीए (NDA) बेचैन है तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की चिंता बढ़ गई है.
बता दें कि जीतन राम मांझी ने सूबे के सीएम नीतीश कुमार से मांग की है कि जब भी कैबिनेट का विस्तार किया जाए उनकी पार्टी को एक मंत्रिपद और एमएलसी की सीट दी जाए. जीतन राम मांझी द्वारा बनाए जा रहे इस दबाब की पॉलिटिक्स का कितना असर होता है यह तो आने वाले समय में साफ हो जाएगा. यह भी पढ़ें-Bihar Cabinet Expansion: बिहार में 'खरमास' के बाद नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीद, विपक्ष को देंगे जवाब
वहीं जीतन राम मांझी की तरफ से यह भी कहा गया है कि अगर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को बिहार विधान परिषद में एक सीट भी मिलती है तो वह परिवार को नहीं बल्कि पार्टी के किसी नेता को एमएलसी के रूप में दी जाएगी. वैसे में राज्य में दो विधान परिषद की सीटें खाली हुई हैं. जिसके लिए 28 जनवरी को चुनाव होना है. ऐसे में दबाब का सामना कर रहे नीतीश कुमार इस मसले को कैसे सुलझायेंगे इस पर सबकी नजरें टिकी हुई है.