Bihar Elections 2020: क्या तेजस्वी यादव के चुनावी पिच पर खेलने के लिए मजबूर हो रही है NDA?

बिहार विधानसभा चुनाव में अब महज कुछ दिन रह गए है. चुनावी मैदान में उतरे सभी राजनीतिक दल राज्य की सत्ता तक पहुंचने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटे हैं. सभी दल और गठबंधन अपने-अपने नेता या मुख्यमंत्री का चेहरा सामने रख चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं.

CM नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव (Photo Credits: PTI)

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में अब महज कुछ दिन रह गए है. चुनावी मैदान में उतरे सभी राजनीतिक दल राज्य की सत्ता तक पहुंचने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटे हैं. सभी दल और गठबंधन अपने-अपने नेता या मुख्यमंत्री का चेहरा सामने रख चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के मुख्यमंत्री का चेहरा हैं वहीं आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का दावा किया है. लालू यादव के बेटे तेजस्वी खुद राघोपुर से चुनावी रण में उतरे हैं. नीतीश सरकार हर मोर्चे पर विफल, भ्रष्टाचार के कारण राज्य खोखला हुआ : तेजस्वी यादव

विपक्षी दलों के महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार में जोरशोर से जुटे हुए हैं. इस क्रम में वे प्रतिदन छह से ज्यादा चुनावी सभा कर रहे हैं. कोरोना काल के बावजूद उनकी रैली में भारी भीड़ देखी जा रही है. इस भीड़ को देखकर आरजेडी सहित महागठबंधन के अन्य दल काफी उत्साहित हैं. चुनावी प्रचार के दौरान तेजस्वी केंद्र सरकार पर तो निशाना साध रहे हैं, साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर बरस रहे हैं.

आरजेडी के दिग्गज नेता तेजस्वी यादव अपनी सभी रैलियों में रोजगार और विकास का मुद्दा उठा रहे हैं. उन्होंने कई बार कहा कि अगर उनकी सरकार बनेगी, तब पहली कैबिनेट में युवाओं को 10 लाख रोजगार देने पर मुहर लगेगी. उन्होंने दावा किया कि राज्य में लाखों पद खाली पड़े हैं और लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई पहल नहीं की. उन्होंने एनडीए पर प्रहार करते हुए कहा है कि लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है और कारोबारियों का व्यवसाय ठप पड़ गया है. वह सत्ता में आने के बाद कृषि रिण माफ करेंगे, युवाओं का ध्यान रखेंगे.

सूबे के पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी का आरोप है कि राज्य की मौजूदा सरकार विकास का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है और गांव की बात तो दूर शहर भी बदहाल है. उन्होंने दावा किया है कि इस विधानसभा चुनाव में पूरे राज्य में महागठबंधन की लहर चल रही है और 10 नवंबर को हमारी सरकार बनने का रास्ता साफ हो जाएगा.

उधर, गोपालगंज के भोरे, सीवान के जीरादेई, जहांनाबाद, मसौढ़ी में चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे नीतीश कुमार ने तेजस्वी पर तंज कसते कसते हुए कहा कि कुछ लोग केवल बयानबाजी करते रहते हैं. जिन्हें ‘क, ख, ग, घ’ का ज्ञान नहीं है, वे काम करने की बात कर रहे हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि इतनी नौकरी देंगे, लेकिन कहां से देंगे और इसके लिये पैसा कहां से आयेगा? उन्होंने कहा, ‘‘ जब इतने लोगों (10 लाख लोगों) को नौकरी देंगे, तब बाकी को क्यों छोड़ देंगे.’’ कुछ इसी लहजे में बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी तेजस्वी पर हमला बोल रहे है.

बहरहाल, पक्ष और विपक्ष दोनों ही सत्ता के शिखर पर पहुंचने के लिए चुनावी मैदान में खूब पसीना बहा रहे हैं. लेकिन इस लोकतंत्र में जनता किनके कामों और चेहरे पर मुहर लगाती है, इसका पता 10 नवंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद चल जाएगा. बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मतदान 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को होगा जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगी. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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