बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दल अब तैयारी में जुट गई हैं. लेकिन इस बीच पार्टियों में फुट का दौर भी शुरू हो गया है. महागठबंधन (Mahagathbandhan) से जीतन राम मांझी के बाद अब उप्रेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के जाने की खबर सुर्खियों में है. ऐसा सिर्फ महागटबंधन में ही नहीं बल्कि एनडीए (NDA) में भी हो रहा है. एनडीए में सीटों के बंटवारा को लेकर एलजेपी (Lok Janshakti Party) (LJP)अपनी मांग पर अड़ी हुई है. लेकिन सूत्रों की माने तो एनडीए इस बार के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी को 25 सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं है. यही कारण है कि अब चिराग पासवान अलग एनडीए का साथ छोड़कर अलग राह पर जाने का मन बना रहे हैं.
सूत्रों की माने तो चिराग पासवान एक तो अधिक सीट चाहते हैं उसमें भी अपनी पसंद की. उनका मानना है कि सीटों का बंटवारा तर्क के हिसाब से होना चाहिए. जिसे लेकर बात नहीं बन रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग पासवान खेमा मैदान में अलग से उतर सकती है. वहीं, उनके दल के नेताओं का कहना है कि 143 सीटों पर उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी करें. यह भी पढ़ें:- Bihar Assembly Elections 2020: जीतन राम मांझी के बाद महागठबंधन को लग सकता है एक और झटका, उपेंद्र कुशवाहा भी चुन सकते हैं अपनी अलग राह.
वहीं, चुनाव से पहले बिछ रही सियासती बिसात के बीच केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि उनको अपने पुत्र और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का हर फैसला मंजूर है. LJP की कमान जब से रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान के हाथ में आई है, तभी से वे बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. माना जा रहा है इसी के साथ चिराग पासवान अपनी मजबूती और कुशलता को दर्शा सकते हैं. अगर चिराग पासवान मैदान में अलग होकर उतरते हैं तो इस बार का सियासी खेल बेहद दिलचस्प हो जाएगा.