बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दो दिन बाद नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी, लेकिन राज्य के दो प्रमुख गठबंधनों राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) (राजग) और महागठबंधन में अभी भी सीटों को लेकर रार ठनी हुई है. इस बीच हालांकि छोटे दलों के छोटे गठबंधन आकार ले रहे हैं. राजग के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. सूत्रों के मुताबिक जदयू (Janata Dal (United))और लोजपा (Lok Janshakti Party) के बीच चल रही तनातनी के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोजपा को 27 सीटों का ऑफर दिया है, लेकिन इस पर बात बनी नहीं है. लोजपा के अंदरखाने से अभी भी 143 सीटों पर लड़ने की बात कही जा रही है.
लोजपा और भाजपा के नेता इस मामले को लेकर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन अब तक जो स्थिति बनी है उसके मुताबिक इस चुनाव को लेकर लोजपा की स्थिति साफ नहीं हैं जबकि इस गठबंधन में भाजपा के साथ जदयू और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा मजबूती के साथ खड़ी है. इधर, विपक्षी दलों के महागठबंधन की बात करें तो यहां भी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. रालोसपा में अब तक अधिकारिक रूप से महागठबंधन से अलग होने की घोषणा नहीं की है, लेकिन उसकी नाराजगी अब जगजाहिर हो गई है. रही सही कसर सोमवार को राजद ने रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद भूदेव चौधरी को अपनी पार्टी में मिलाकर पूरी कर दी. वैसे, रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को दिल्ली से तीन दिनों के प्रवास से लौटने के बाद कहा कि उनकी अभी किसी दल से बात नहीं हो रही है, जो भी कयास लगाए जा रहे हैं, वह सही नहीं है. उल्लेखनीय है कि कुशवाहा के राजग में जाने के कयास लगाए जा रहे थे. यह भी पढ़े: Bihar Assembly Election 2020: देवेंद्र फडणवीस बोले-बिहार चुनाव में अहम भूमिका निभाएगा सोशल मीडिया
इस बीच, सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को कुशवाहा कुछ अंतिम निर्णय ले सकते हैं. सूत्र कहते हैं कि कुशवाहा अलग मोर्चा भी बना सकते हैं. इधर, राजद और कांग्रेस में भी सीटों को लेकर गुत्थी नहीं सुलझी है. सूत्रों के मुताबिक, राजद कांग्रेस को 58 विधानसभा सीट और वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट देने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अब तक इस फॉमूर्ले को लेकर हरी झंडी नहीं दी है. कांग्रेस के स्क्रीनिंग कमिटि के प्रमुख अविनाश पांडेय सभी 243 सीटों पर तैयार रहने की बात कहकर अपने तेवर दिखा चुके हैं. इस बीच छोटे दलों का गठबंधन आकार ले रहा है. जन अधिकार पार्टी (जाप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सोमवार को यहां प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (पीडीए) बनाने की घोषणा की. इस गठबंधन में चंद्रशेखर आजाद की अध्यक्षता वाली आजाद समाज पार्टी, एम के फैजी के नेतृत्व वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसटीपीआई) और बी.पी. एल. मातंग की बहुजन मुक्ति पार्टी (बीएमपी) शामिल हुई है. पप्पू यादव कहते है कि यह गठबंधन राज्य में 30 सालों के महापाप को अंत करने के लिए बना है. यह भी पढ़े: Bihar Assembly Elections 2020: बिहार चुनाव के लिए भेजी जाएंगी CAPF की 300 कंपनियां, गृह मंत्रालय ने लिया फैसला
इधर, जनता दल (राष्ट्रवादी) और भारतीय सबलोग पार्टी यूनियन डेमोक्रेटिक अलायंस (यूडीए) बनाकर चुनाव मैदान में है. जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान कहते हैं कि आज गठबंधन की राजनीति के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है. क्षेत्र की समस्याओं को दिल्ली में बैठे लोग नहीं जान सकते, यही कारण है कि गठबंधन बन रहा है और सफल हो रहा है. उन्होंने कहा कि यूडीए आज लोगों के सत्ता और विपक्षी दलों के विकल्प के रूप में उभरा है.