Bihar Assembly Election 2020: कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पीएम मोदी और नीतीश कुमार पर साधा निशाना, कहा-कसम किसानों की खाते हैं और दोस्ती पूंजीपतियों से निभाते हैं

कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां केंद्र सरकार और बिहार सरकार पर कृषि विधेयकों को लेकर मोर्चा खोलते हुए कहा कि मोदी जी और नीतीश बाबू कसम किसानों की खाते हैं और दोस्ती मुट्ठीभर पूंजीपतियों से निभाते हैं. सुरजेवाला ने यहां कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तीन काले कानून के माध्यम से हरितक्रांति को हराने की यह भाजपा की साजिश है.

रणदीप सिंह सुरजेवाला (Photo Credits: PTI)

पटना, 24 सितंबर. कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां केंद्र सरकार और बिहार सरकार पर कृषि विधेयकों को लेकर मोर्चा खोलते हुए कहा कि मोदी जी और नीतीश बाबू कसम किसानों की खाते हैं और दोस्ती मुट्ठीभर पूंजीपतियों से निभाते हैं. सुरजेवाला ने यहां कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तीन काले कानून के माध्यम से हरितक्रांति को हराने की यह भाजपा की साजिश है.

उन्होंने कहा, "आज देशभर में 62 करोड़ किसान, मजदूर और 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी और जदयू सरकार देश को बरगला रहे हैं." यह भी पढ़ें-Bihar Assembly Election 2020: क्या बिहार में कल बनेंगे नए सियासी समीकरण, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने आनन-फानन में बुलाई बैठक

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खेती को बर्बाद करना शुरू किया और आज पूरी तरह से तबाह कर दिया है. सुरजेवाला ने कहा कि देश में कोरोना, सीमा पर चीन और खेती पर मोदी सरकार हमलावर है. किसान विरोधी यह तर्जरुबा नीतीश बाबू के नेतृत्व में साल 2006 में बिहार में प्रारंभ किया गया था.

रणदीप सुरजेवाला ने सवालिया लहजे में कहा, "अगर अनाज मंडी, सब्जी मंडी व्यवस्था यानी एपीएमसी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी, तब कृषि उपज खरीद प्रणाली भी पूरी तरह नष्ट हो जाएगी. ऐसे में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे मिलेगा, कहां मिलेगा और कौन देगा?"

उन्होंने कहा कि ये तीनों अध्यादेश संघीय ढांचे पर सीधे-सीधे हमला हैं। खेती और मंडियां संविधान के सातवें शिड्यूल प्रांतीय अधिकारों के क्षेत्र में आते हैं, लेकिन मोदी सरकार ने प्रांतों से राय लेना तक उचित नहीं समझा. खेती का संरक्षण और प्रोत्साहन स्वभाविक तौरे से प्रातों का विषय है, लेकिन उनकी कोई राय नहीं ली गई.

इधर, राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने पत्रकार वार्ता के बाद आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि महामारी की आड़ में मोदी सरकार 'किसानों की आपदा' को 'पूंजीपतियों के अवसर' के रूप में उपलब्ध करवाकर किसानों के साथ जो व्यवहार कर रही है, उसे देश के किसान कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के हक की लड़ाई संसद से प्रारंभ कर सड़कों पर ले आई है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और इस लड़ाई को अंतिम दम तक लड़ेगी. संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा भी उपस्थित रहे.

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