राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार एक जनवरी, 2018 को हुई कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में जांच आयोग के सामने अपना बयान दर्ज कराएंगे. एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है. जांच आयोग के सचिव वी.पलनीतकर ने कहा कि पवार को चार अप्रैल को तलब किया गया है. बम्बई हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे.एन.पटेल इस आयोग के प्रमुख हैं और वर्तमान में कोरोनावायरस महामारी के कारण 30 मार्च तक अवकाश पर हैं. अक्टूबर 2018 को पवार ने पहले ही आयोग के सामने एक हलफनामा पेश किया था, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए दोषी ठहराते हुए विभिन्न मुद्दों का जिक्र किया था.
इसी साल जनवरी में राकांपा प्रमुख ने राज्य सरकार के फैसले को दरकिनार करते हुए मामले को राष्ट्रीय जांच आयोग को सौंपे जाने के फैसले पर नाराजगी जताई थी. राज्य सरकार ने इस मामले में रिपोर्ट जमा कराने के लिए आयोग को आठ अप्रैल तक का आखिरी समय दिया है.
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इस महीने की शुरूआत में, विवेक विचार मंच ने आयोग के समक्ष एक आवेदन दायर किया था जिसमें कहा गया था कि पवार को जातिगत हिंसा के संबंध में उनके द्वारा दिए गए कुछ बयानों के मद्देनजर बुलाया जाए.
सत्तारूढ़ महा विकास अगाड़ी सहयोगी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस द्वारा कड़ी आलोचना के बाद भी राष्ट्रीय जांच आयोग ने फरवरी के मध्य में इस जांच का जिम्मा संभाला था. ऐसे संकेत हैं कि राज्य सरकार इस मामले की समानांतर जांच करेगी.