भोपाल: मध्य प्रदेश के बैतूल लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. साल 1967 में अस्तित्व में आए बैतूल संसदीय सीट पर 6 मई को मतदान होनेवाले है. यहां का राजनीतिक इतिहास बहुत उतार-चढाव भरा रहा है. बैतूल संसदीय क्षेत्र में अब तक 17 लोकसभा चुनाव हुए है जिसमें से 8 बार बीजेपी तो 8 बार कांग्रेस जीत चुकी है. जबकि एक बार भारतीय लोकदल ने बैतूल सीट पर कब्ज़ा जमाया था.
बैतूल निर्वाचन क्षेत्र पर 1967 से लेकर 1977 तक कांग्रेस का दबदबा रहा. यह सीट 1977 में कांग्रेस से भारतीय लोकदल ने ने छीन ली. हालांकि 1980 में फिर कांग्रेस की वापसी हुई, और 1984 तक अपना परचम लहराया. साल 1989 में बीजेपी ने यहां पर कांग्रेस को शिकस्त दे दी. जिसके बाद 1991 में फिर कांग्रेस विजयी हई. इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा. लेकिन 1996 से बैतूल सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा बरकरार है. बैतूल में बीजेपी ने दुर्गादास उइके को जबकि कांग्रेस ने रामू टेकाम को अपना उम्मीदवार बनाया है.
बैतूल का 2014 में हाल-
ज्योति धुर्वे (बीजेपी)- 6 लाख 43 हजार 651 वोट
अजय शाह (कांग्रेस)- 3 लाख 15 हजार 37 वोट
मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं. इनमें बैतूल के अलावा और पांच सीटें - शहडोल, मंडला, रतलाम, धार और खरगोन अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिये आरक्षित रखी गई हैं.