Babri Masjid Demolition Verdict: बाबरी विध्वंस के फैसले के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बाबरी विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद भाजपा के वयोवृद्ध नेता व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया और अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय उन्हीं अन्य फैसलों के अनुरूप हैं जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उनके सपने का मार्ग प्रशस्त किया।

लालकृष्ण आडवाणी (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली: बाबरी विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद भाजपा के वयोवृद्ध नेता व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया और अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय उन्हीं अन्य फैसलों के अनुरूप हैं जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उनके सपने का मार्ग प्रशस्त किया. आडवाणी इस मामले के 32 आरोपियों में एक और रामजन्मभूमि आंदोलन के अगुवा थे.

आडवाणी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘विशेष अदालत का आज का जो निर्णय हुआ है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है और वह हम सबके लिए खुशी का प्रसंग है. जब हमने अदालत का निर्णय सुना तो हमने जय श्री राम का नारा लगाकर इसका स्वागत किया.’’ बाद में एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय उन्हीं अन्य फैसलों के पदचिह्नों पर है जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उनके सपने का मार्ग प्रशस्त किया.’’ उत्तर प्रदेश: CM योगी आदित्यनाथ ने अदालत के फैसले का किया स्वागत, कहा- कांग्रेस ने वोट बैंक लिए लोगों को फंसाया

अदालत के फैसले के बाद 92 वर्षीय आडवाणी अपने कमरे से बाहर निकले और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए मीडिया का अभिवादन किया. अदालत जब अपना फैसला सुना रही थी उस वक्त आडवाणी अपने परिवार के सदस्यों के साथ टेलीविजन देख रहे थे. उनकी पुत्री प्रतिभा आडवाणी उनकी हाथ पकड़े थीं.

गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया. विशेष न्यायाधीश एस. के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी.

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