लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) अयोध्या फैसले को लेकर जहां सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालने के बारे में फैसला लिया हैं. बोर्ड के जुड़े सदस्यों ने इस फैसले को चुनौती देने के लिए दो दिन पहले एक प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को इसके बारे में जानकारी दी. बोर्ड के सदस्यों की तरफ से कहा गया है कि फैसले को चुनौती देने के साथ ही सरकार की तरफ से दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन नहीं लिया जाएगा. वहीं मीडिया के हवाले से सुन्नी वक्फ बोर्ड (AIMPLB) के बारे में खबर हैं कि सरकार की तरफ से मिलने वाली जमीन पर मस्जिद बनाने की बजाय हॉस्पिटल या एजुकेशन इंस्टीट्यूट बनाने के बारे में विचार चल रहा है.
खबरों की माने तो सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से इस पर फैसला लेने को लेकर लखनऊ में 26 नवंबर एक बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में बोर्ड से जुड़े सदस्य शामिल होंगे. जहां पर फैसला लिए जाने पर विचार होगा कि मस्जिद निर्माण की बजाय जमीन पर हॉस्पिटल या एजुकेशन इंस्टीट्यूट बनाया जाए. दरअसल लोगों की तरफ से बोर्ड को सुझाव आ रहे हैं सरकार की तरफ से दी जाने वाली जमीन पर मस्जिद ना बनाकर यदि हॉस्पिटल या एजुकेशन इंस्टीट्यूट बनाये जाए तो लोगों के लिए अच्छा रहेगा. यह भी पढ़े: अयोध्या में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन की खोज शुरू, जुटे कई अधिकारी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले में अपने अपना फैसला सुनते हुए कहा था कि 2.77 एकड़ विवादित जमीन राम लला को सौंपी जानी चाहिए. जो तीन वादियों में से एक हैं. वहीं कोर्ट की तरफ से मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने के लिए कहा गया. कोर्ट के इस आदेश के बाद मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने को लेकर सरकार की तरफ से जमीन की तलाश भी शुरू हो गई है.फिलहाल मौजूदा जो जानकरी है उसके अनुसार अभी तक जमीन की तलाश नहीं हो सकी है.