Ayodhya Verdict: देश में आज यानि शनिवार को 134 साल से भी अधिक समय से चले आ रहे बेहद संवेदनशील अयोध्या विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास (Ram Janmabhoomi Nyas) को देने का फैसला सुनाया है, साथ ही यह भी आदेश दिया गया है कि सूबे में ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ की जगह दी जाएगी.
इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर पर राजनीति के दरवाजे भी बंद हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ चुका है और हम राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं. इस फैसले ने न केवल मंदिर के निर्माण के लिए दरवाजे खोले बल्कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए बीजेपी और अन्य लोगों के लिए दरवाजे भी बंद कर दिए हैं. यह भी पढ़ें- अयोध्या विवाद मामले पर फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा सील, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
Randeep Surjewala, Congress on #AyodhyaVerdict: Supreme Court's verdict has come, we are in favour of the construction of Ram Temple. This judgement not only opened the doors for the temple's construction but also closed the doors for BJP and others to politicise the issue. pic.twitter.com/N1qr6FD1We
— ANI (@ANI) November 9, 2019
रणदीप सुरजेवाला से जब मीडिया द्वारा पूछा गया कि अयोध्या स्थल पर मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए? तो उन्होंने जवाब दिया कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ चूका है. स्वभाविक तौर पे आपके सवाल का जवाब हां में है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है.
#WATCH Randeep Surjewala,Congress on being asked by media if Temple should be constructed on Ayodhya site: Supreme Court ka nirnay aa chuka hai, svabhavik taur pe aapke sawal ka jawab haan mein hai, Bhartiye Rashtriye Congress Bhagwan Shri Ram ke Mandir ke nirman ki pakshdhar hai pic.twitter.com/vkg3Z1xGlA
— ANI (@ANI) November 9, 2019
बता दें कि संविधान पीठ ने अपने 1045 पन्नों के फैसले में कहा कि मस्जिद का निर्माण ‘प्रमुख स्थल’ पर किया जाना चाहिए और उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित किया जाना चाहिए जिसके प्रति हिन्दुओं की यह आस्था है कि भगवान राम का जन्म यहीं हुआ था. इस स्थान पर 16वीं सदी में बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 में गिरा दिया था. पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला विराजमान को सौंप दिया जाए, जो इस मामले में एक वादकारी हैं.