अहमदाबाद, 8 मार्च: अपनी पहली भारत यात्रा पर आए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने बुधवार को अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम का दौरा किया जो महात्मा गांधी से नजदीक से जुड़ा था. इसके बाद राजभवन में एंथोनी अल्बनीस ने फूलों की होली खेली. अल्बनीज ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके मूल्य और दर्शन आज भी दुनिया को प्रेरित करते हैं और उनके जीवन से काफी कुछ सीखा जा सकता है.
अल्बनीज यहां शाम में सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे पर उतरे और वहां से सीधे महात्मा गांधी के आश्रम गए. साबरमती आश्रम भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भी जुड़ा स्थान है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1917 में साबरमती नदी के तट पर इस आश्रम की स्थापना की थी और मार्च 1930 तक वह यहां रहे.
अल्बनीज भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. जब अल्बनीज आश्रम गए, उस दौरान पटेल भी उनके साथ थे.
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat: Australian Prime Minister Anthony Albanese celebrates Holi with flowers at Raj Bhavan pic.twitter.com/7tRho0A0Uk
— ANI (@ANI) March 8, 2023
आश्रम के न्यासी कार्तिकेय साराभाई ने कहा कि आगंतुकों के लिए आश्रम के खुले मैदान में चलते समय जूते-चप्पल उतारना अनिवार्य नहीं है लेकिन अल्बनीज ने महात्मा गांधी के सम्मान में अपने जूते उतार दिए. अल्बनीज आश्रम के अंदर हृदय कुंज कमरे में भी गए जहां महात्मा गांधी रहते थे.
Happy Holi to everyone who celebrated at home in Australia. pic.twitter.com/5OcedkNfil
— Anthony Albanese (@AlboMP) March 8, 2023
साराभाई ने संवाददाताओं से कहा कि अल्बनीज यह देखकर चकित थे कि चरखे से खादी बुनी जाती है. उन्होंने कहा कि अल्बनीज खादी शब्द से अपरिचित थे, इसलिए आश्रम के एक और न्यासी (ट्रस्टी) अमृतभाई मोदी ने उन्हें पूरी संबंधित प्रक्रिया समझाई. साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक ट्रस्ट की ओर से, साराभाई और अन्य न्यासियों ने महात्मा गांधी के ऐतिहासिक नमक मार्च के बारे में ऑस्ट्रेलियाई लेखक थॉमस वेबर की एक पुस्तक उन्हें भेंट की गई.
आश्रम ने 1915 से 1930 तक अहमदाबाद में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित एक अन्य पुस्तक और चरखा की एक प्रतिकृति भी अल्बनीज को भेंट की. वह परिसर में करीब 20 मिनट रहे. अल्बनीज ने आश्रम की आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि महात्मा गांधी के मूल्य और दर्शन आज भी पूरी दुनिया को प्रेरित करते हैं. राजभवन रवाना होने से पहले उन्होंने लिखा, "महात्मा गांधी का आश्रम आना, उन्हें श्रद्धांजलि देना एक बड़ा सम्मान है, जिनके दर्शन और जीवन मूल्य आज भी दुनिया को प्रेरित करते हैं. हमें उनके उदाहरण से बहुत कुछ सीख सकते हैं."
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