
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2021) के नतीजे आज (2 मई) आएंगे. कड़ी सुरक्षा के बीच कुल 822 विधानसभा सीटों पर पड़े मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी. इस दौरान कोविड-19 नियमों का भी कड़ाई से पालन किया जाएगा. पंचायत चुनाव के मतों की गिनती कल से, शिक्षक संगठनों ने बहिष्कार का एलान वापस लिया
निर्वाचन आयोग ने बताया कि पांचों सूबों में कुल 2,364 केन्द्रों में मतगणना होगी. साल 2016 में मतगणना केन्द्रों की कुल संख्या 1,002 थी. इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिये चुनाव द्वारा भौतिक दूरी के नियम का पालन किये जाने के चलते मतगणना केन्द्रों की संख्या में 200 प्रतिशत वृद्धि की गई है.
पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 1,113, केरल में 633, असम में 331, तमिलनाडु में 256 और पुडुचेरी में 31 केन्द्र बनाए गए हैं. मतगणना केन्द्रों की संख्या बढ़ाने का एक और कारण पांचों विधानसभा चुनावों में उपयोग किये गए डाक मतपत्रों की संख्या का बढ़ना भी है.
आयोग ने कहा, ''चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों), दिव्यांगों और कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित लोगों को डाक मतपत्रों की सुविधा प्रदान करने के चलते डाक मतपत्रों की संख्या में 400 प्रतिशत (2016 में 2.97 लाख से बढ़कर 2021 में 13.16 लाख) की वृद्धि हुई है.''
आयोग ने चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में मतगणना के लिये 822 निर्वाचन अधिकारियों और 7,000 से अधिक सहायक निर्वाचन अधिकारियों को नामित किया है. सूक्ष्म पर्यवेक्षकों समेत लगभग 95 हजार मतगणना अधिकारी मतगणना का काम करेंगे.
राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) से प्राप्त जानकारी के अनुसार चार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने लगभग 1.5 लाख मतगणना एजेंटों और उनके विकल्पों का विवरण दिया है.
निर्वाचन आयोग ने कोविड महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए मतगणना केंद्रों पर कोविड के कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं-
- राज्य चुनाव अधिकारी को कोविड दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.
- आरटीपीसीआर या रैपिड एंटिजन जांच के बिना किसी भी प्रत्याशी या एजेंट को मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
- कोविड टीके की दोनों खुराक लेने वाले लोगों को मतगणना कक्ष में जाने की अनुमति होगी.
- मतगणना केंद्र के बाहर वोटों की गिनती के समय लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
- मतगणना केंद्र में सुरक्षित दूरी बनाए रखने की उचित व्यवस्था की गई है.
- सीलबंद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन व मतदाता पुष्टि पर्ची मशीन को भी सेनिटाइज किया जाएगा.
- कोविड के लक्षण वाले किसी भी व्यक्ति को मतगणना केन्द्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
- डाक मतपत्रों की गिनती के लिए अतिरिक्त सहायक चुनाव अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा.
पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में जबकि असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न हुआ. तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान हुआ. चुनाव आयोग के मुताबिक चार राज्यों व केंद्र शासित पुडुचेरी को मिलाकर कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ और इस दौरान कुल 18.68 करोड़ मतदाता 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर वोटिंग के पात्र थे.
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 सालों से सत्ता में है. इस बार बीजेपी और अन्य विपक्षी दल उसे चुनौती दे रहे हैं. बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है. पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 211 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबिक बीजेपी को महज तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस को इस चुनाव में 44 सीटें और माकपा को 26 सीटें मिली थी. पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं.
असम
असम में विधानसभा की 126 सीटें हैं. असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो रहा है. इस बार असम में बीजेपी को अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है. वहां उसका सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है. बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी.
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 60, उसके सहयोगियों असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को क्रमश 14 और 12 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को 26 सीटों पर जीत मिली थी जबकि सांसद बदरूदृदीन अजमल के नेतृत्व वाले एआईयूडीएफ को 13 सीटें मिली थी. बीजेपी ने तत्कालीन सांसद सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाया था.
तमिलनाडु
तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. केरल में विधानसभा की 140 सीटें है और यहां विधानसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा हो रहा है. पुडुचेरी में 30 सीटों के लिए चुनाव होगा और यहां विधानसभा का कार्यकाल आठ जून को पूरा हो रहा है.
तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नद्रमुक) का शासन है. राज्य की जनता ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता को दोबारा गद्दी सौंपी थी. इस चुनाव में अन्नाद्रमुक को 135 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सका था. इस बार के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक और बीजेपी का गठबंधन हुआ है और उसका मुकाबला द्रमुक और कांग्रेस गठबंधन से होगा.
केरल
केरल में फिलहाल वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार है. उसका मुकाबला कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे से है. पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा को 58 सीटों पर जबकि उसकी सहयोगी भाकपा को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को 22 सीटें और आईयूएमएल को 18 सीटों पर विजय हासिल हुई थी. वहीं बीजेपी को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था.
पुडुचेरी
वर्ष 2016 के चुनाव के बाद पुडुचेरी में वी नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस और द्रमुक गठबंधन की सरकार बनी थी और वी नारायणसामी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. इसी साल विधायकों के इस्तीफे के बाद यह सरकार अल्पमत में आ गई थी और इसके बाद मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. पुडुचेरी में विधानसभा की 30 सीटें हैं.