Assembly Election Results 2021: पांच विधानसभा के चुनाव नतीजों के रुझान कांग्रेस के लिए क्या कर रहे हैं बयान? राहुल पर फिर सवालिया निशान!
चार राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों के लिए मतगणना लगातार जारी है. वोटों की गिनती रविवार सुबह आठ बजे शुरू हुई. चुनाव परिणाम के अब तक के रुझानों पर नजर डाले तो पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस फिर से वापसी हो रही है. वहीं, असम में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन जीत की ओर अग्रसर है. उधर, केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट एक बार फिर परचम लहराने को तैयार है.
चार राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी (Puducherry) में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों के लिए मतगणना (Counting of Votes) लगातार जारी है. वोटों की गिनती रविवार सुबह आठ बजे शुरू हुई. चुनाव परिणाम के अब तक के रुझानों पर नजर डाले तो पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) फिर से वापसी हो रही है. वहीं, असम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला गठबंधन जीत की ओर अग्रसर है. उधर, केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट एक बार फिर परचम लहराने को तैयार है. पुडुचेरी की बात करें तो यहां एआईएनआरसी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन आगे चल रहा है. तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, वह आगे चल रहा है. यह भी पढ़ें- Assam Assembly Election Results 2021: असम में फिर से कमल खिलना तय, जानिए बीजेपी की दमदार वापसी की 5 वजह.
बहरहाल, चुनाव नतीजों के अब तक के रुझान के आधार पर कांग्रेस के प्रदर्शन पर नजर डालें तो पार्टी को सिर्फ तमिलनाडु में फायदा होता नजर आ रहा है जहां वह डीएमके के साथ गठबंधन में है और फिलहाल डीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्तारूढ़ एआईडीएमके नीत गठबंधन से आगे चल रहा है. तमिलनाडु में अगर डीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन जीतता है तो यहां की सत्ता में कांग्रेस भी भागीदार होगी जबकि अन्य राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी में उसे विपक्ष की भूमिका निभानी पड़ेगी.
अब तक के रुझानों के मुताबिक, राज्यवार सिर्फ कांग्रेस के सीटों पर नजर डाले जहां उसकी बढ़त बनी हुई है तो वह तमिलनाडु में 12, पुडुचेरी में दो, असम में 26, पश्चिम बंगाल में एक और केरल में 25 सीटों पर आगे चल रही है.
तमिलनाडु-
तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं और बहुमत के लिए 118 सीटों की जरूरत होती है. बहरहाल, ताजा रुझानों में डीएमके के डीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, वह आगे चल रहा है. वहीं, सत्तारूढ़ एआईडीएमके नीत गठबंधन पीछे चल रहा है. यहां साल 2016 के चुनाव में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन की हार के बाद कांग्रेस विपक्ष के साथ थी. पिछले चुनावों में कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 8 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और खबर लिखे जाने तक वह 13 सीटों पर आगे चल रही है. अब तक के रुझानों के अनुसार कांग्रेस को तमिलनाडु में फायदा होता दिख रहा है.
असम-
असम में कांग्रेस के नेतृत्व में 'महागठबंधन' बना. इस 'महागठबंधन' में कांग्रेस के अलावा एआईयूडीएफ और कई अन्य पार्टियां शामिल हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 26 सीटों पर जीत मिली थी. उसने 122 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इस बार भी वह 26 सीटों पर आगे चल रही है. हालांकि इस बार गठबंधन में अधिक पार्टियों के होने के कारण कांग्रेस 94 सीटों पर चुनाव लड़ी.
केरल-
केरल में एलडीएफ का मुकाबला कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ से है. फिलहाल कांग्रेस खुद 25 सीटों पर आगे चल रही है. उसने 93 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. पिछले चुनाव में कांग्रेस को अकेले 22 सीटों पर जीत मिली थी.
पुडुचेरी-
पुडुचेरी में कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार थी. हालांकि कुछ दिनों पहले वहां कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार गिर गई और फिर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. अभी के रुझानों में कांग्रेस 2 सीटों पर आगे चल रही है. पिछले चुनावों में 21 सीटों पर चुनाव लड़कर उसने 15 सीटें हासिल की थीं.
पश्चिम बंगाल-
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस वामपंथी पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. अभी वह अकेले महज एक सीट पर आगे चल रही है. वहीं पिछले चुनावों में उसने 92 सीटों पर चुनाव लड़कर 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
चार राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी को मिलाकर कांग्रेस के प्रदर्शन को देखा जाए तो राहुल गांधी के नेतृत्व पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े होना लाजिमी है. एक तरफ जहां उन्हें फिर से कांग्रेस की बागडोर सौंपने की बात होती है वहां चुनावों में पार्टी के ऐसे प्रदर्शन के बाद अध्यक्ष पद राहुल गांधी की वापसी फिर से नए विवाद को जन्म देगी.