असम राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण: वर्तमान और पूर्व विधायक के साथ करगिल के पूर्व सैनिक को अंतिम NRC लिस्ट में नहीं मिली जगह
शनिवार को जारी की गई राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची में जगह नहीं पाने वालों में करगिल युद्ध में भाग लेने वाले के एक पूर्व सैन्यकर्मी, एआईयूडीएफ के एक वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक के नाम भी शामिल हैं. यही हाल कांग्रेस विधायक इलियास अली की बेटी का भी है.
गुवाहाटी : यहां शनिवार को जारी की गई राष्ट्रीय नागरिक पंजी (National Civil Register) की अंतिम सूची में जगह नहीं पाने वालों में करगिल युद्ध में भाग लेने वाले के एक पूर्व सैन्यकर्मी, एआईयूडीएफ के एक वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक के नाम भी शामिल हैं. यही हाल कांग्रेस विधायक इलियास अली की बेटी का भी है.
अली और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम हालांकि, इस अद्यतन एनआरसी सूची में शामिल हैं.
करगिल युद्ध में भाग लेने वाले और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को इस सूची में जगह नहीं मिली है, जिन्हें विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा ‘विदेशी’ घोषित किए जाने के बाद इस वर्ष मई में कुछ दिनों तक हिरासत में रखा गया था.
सनाउल्लाह की दो बेटियों और एक बेटे को कथित तौर पर शामिल नहीं किया गया है, जबकि उनकी पत्नी का नाम सूची में शामिल है. एनआरसी की यह सूची असम में भारतीय नागरिकों को वैधता प्रदान करता है. एआईयूडीएफ के विधायक अनंत कुमार मालो, जो बोंगईगांव जिले के अभयपुरी दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने कहा कि वह अंतिम एनआरसी सूची में अपना नाम नहीं खोज पाए.
विधायक ने कहा, ‘‘मेरे बेटे का नाम भी एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं है.’’ एआईयूडीएफ के ही पूर्व विधायक अताउर रहमान मजरभुइयां का नाम भी इस सूची में शामिल नहीं है. मजरभुइयां ने कहा, ‘‘संविधान यह निर्धारित करता है कि कौन भारत का नागरिक है और मेरे पास इसे साबित करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हैं. मैं कटिगोरा से दो बार विधायक रह चुका हूं. यह उत्पीड़न है और यह एनआरसी त्रुटिपूर्ण है.‘‘
पूर्व विधायक ने कहा कि वह कानूनी विकल्प का मदद लेंगे और विदेशी न्यायाधिकरण में जाकर अपना नाम एनआरसी में शामिल करवाएंगे. एनआरसी की अद्यतन अंतिम सूची से 19 लाख से अधिक आवेदकों को बाहर रखा गया है, जिनका भविष्य अब अधर में लटक गया है.
यहां एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय के एक बयान में कहा गया कि एनआरसी में शामिल होने के लिए कुल 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन किया था. उनमें से 3,11,21,004 लोगों को सूची में शामिल किया गया है, जबकि 19,06,657 लोगों का नाम सूची में शामिल नहीं किया गया है.