असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल बोले- CAA के जरिए बांग्लादेश का कोई भी व्यक्ति राज्य में प्रवेश नहीं कर सकेगा
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता कानून बांग्लादेश से और लोगों के आने को बढ़ावा नहीं देता लेकिन जो लोग बरसों पहले धार्मिक उत्पीड़न की वजह से पड़ोसी देश से भाग कर आए और राज्य में रह रहे हैं वह लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (Civilization Amendment Act) बांग्लादेश (Bangladesh) से और लोगों के आने को बढ़ावा नहीं देता लेकिन जो लोग बरसों पहले धार्मिक उत्पीड़न की वजह से पड़ोसी देश से भाग कर आए और राज्य में रह रहे हैं वह लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.
राज्य की मूलनिवासी आबादी की, संशोधित नागरिकता कानून की वजह से अपनी पहचान खोने को लेकर चल रही आशंकाएं दूर करने के प्रयास में सोनोवाल ने कहा, "बांग्लादेश से एक भी व्यक्ति सीएए का फायदा उठा कर असम में प्रवेश नहीं कर पाएगा."
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उन्होंने कहा, "जो लोग बरसों पहले धार्मिक उत्पीड़न की वजह से पड़ोसी देश से भाग कर आए और राज्य में रह रहे हैं वह लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे. उन्होंने कहा, "यह तय है कि नागरिकता देने से हमारी सामाजिक संरचना पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
असम समझौते के अनुबंध छह में असम के लोगों के लिए संवैधानिक, विधायी, प्रशासनिक बचाव व्यवस्था है ताकि उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषायी विरासत सुरक्षित रह सके. सोनोवाल ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा कि उनकी सरकार हमेशा राज्य के लोगों के हितों के लिए काम करती रहेगी.