असम (Assam) में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई. इस बीच, एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इससे सबक लेना चाहिए. उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों के संदर्भ में पूरे देश में एनआरसी लागू करने के बारे में पूछना बंद कर देना चाहिए. असम में जो हुआ उससे उन्हें सबक सीखना चाहिए. अवैध प्रवासियों (Illegal Migrants) के तथाकथित मिथक का भंडाफोड़ हुआ है. ओवैसी ने कहा कि मुझे शक है कि नागरिक संशोधन विधेयक के माध्यम से बीजेपी एक बिल ला सकती है जिसमें वे सभी गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की कोशिश कर सकती हैं, जो फिर से समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा.
Asaduddin Owaisi, AIMIM on #NRCList: BJP should learn a lesson. They should stop asking for NRC throughout the country in terms of Hindus & Muslims. They should learn from what has happened in Assam. The so-called myth of illegal migrants has been busted. pic.twitter.com/Lvf0tUvp8d
— ANI (@ANI) August 31, 2019
बता दें कि शनिवार को जारी की गई एनआरसी लिस्ट में 19 लाख से अधिक आवेदक अपना स्थान बनाने में विफल रहे. इससे लिस्ट से बाहर रखे गए आवेदकों का भविष्य अधर में लटक गया है क्योंकि यह लिस्ट असम में वैध भारतीय नागरिकों की पुष्टि से संबंधित है. एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को दस्तावेजों के आधार पर एनआरसी में शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है. यह भी पढ़ें- असम NRC लिस्ट में नाम नहीं होने पर अब ये हैं विकल्प, मिलेगा 120 दिन का वक्त- यहां जानें एनआरसी से जुड़े हर सवाल का जवाब.
Asaduddin Owaisi, AIMIM: I have my own doubts that the BJP through Citizen Amendment Bill can bring a bill wherein they can try to give citizenship to all non-Muslims, which will again be a violation of Right to Equality. pic.twitter.com/ihoQrl1GXC
— ANI (@ANI) August 31, 2019
जिन लोगों का नाम एनआरसी से बाहर रखा गया है, वे इसके खिलाफ 120 दिन के भीतर विदेशी न्यायाधिकरण में अपील दर्ज करा सकते हैं. गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में एनआरसी के अंतिम मसौदा से 3,29,91,384 करोड़ लोगों में से 40,07,707 लोगों को बाहर कर दिया गया था. इसके बाद जून में 1,02,462 लोगों को बाहर कर दिया गया था.