भारतीय बैंकों को करोडों का चूना लगाकर विदेश भागे शराब व्यापारी विजय माल्या ने बुधवार को दावा किया कि 2016 में भारत छोड़ने से पहले उसने वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. माल्या के इस दावे से देश की सियासत गरमा गई है. इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम विपक्ष के नेता वित्त मंत्री का इस्तीफा मांग रहे है. वहीं, अरुण जेटली ने ने माल्या के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि माल्या का दावा पूरी तरह गलत है. जेटली ने कहा कि उन्होंने 2014 के बाद मुलाकात के लिए माल्या को कभी समय नहीं दिया और "मुझसे मुलाकात का प्रश्न ही नहीं उठता." माल्या लंदन की अदालत में भारतीय अधिकारियों द्वारा दाखिल प्रत्यर्पण मामले का सामना कर रहा है.
इस बीच कांग्रेस नेता पीएल पूनिया ने भी इस मामले में बड़ा बयान दिया है. पुनिया ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने भगोड़े शराब कारोबारी को अरुण जेटली से मिलते हुए देखा था. पुनिया ने कहा कि "मैंने सेंट्रल हॉल में माल्या को जेटली से मिलते देखा था"
Arun Jaitly is lying. I saw him having prolonged meeting in Central Hall of Parliament about two days before he was allowed to escape from India. Choukidar is not only Bhagidar but also Gunahagar. @INCIndia @INCChhattisgarh https://t.co/VJkDk1ZCkK
— P L Punia (@plpunia) September 12, 2018
बता दें कि माल्या ने बुधवार को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर पत्रकारों से कहा, "मेरी जेनेवा में एक बैठक प्रस्तावित थी. भारत छोड़ने से पहले मैंने वित्तमंत्री से मुलाकात की थी..बैंकों के साथ मामला निपटाने का अपना प्रस्ताव मैंने दोहराया था. यह सच है." उसने आगे कहा, "मैं एक राजनीति फुटबॉल हूं..जहां तक मेरा सवाल है, मैंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समग्र अदायगी प्रस्ताव दिया है. मुझे उम्मीद है कि सम्मानीय न्यायाधीश इसपर ध्यान देंगे."
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इस पर सफाई देते हुए जेटली ने कहा कि माल्या का दावा गलत है. उन्होंने कहा "वह राज्यसभा सदस्य थे और एक बार एक बार जब मैं सदन से अपने कक्ष जा रहा था तब वह मेरी तरफ आगे बढ़े और एक वाक्य कहा कि 'मैं सेटलमेंट का ऑफर दे रहा हूं. मैंने उनसे कहा कि मुझसे बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है और उसे अपने ऑफर को बैंकों को देना चाहिए."