संसद के गलियारे में मुझे रोक कर माल्या ने की थी बात करने की कोशिश: अरुण जेटली
अरुण जेटली (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये लेकर फरार विजय माल्या के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने के दावे पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. लेकिन भगोड़े माल्या के दावे को अरुण जेटली ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह पूरा सच नहीं है. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से उनकी विजय माल्या से कोई मुलाकात नहीं हुई है. सांसद होने के नाते हो सकता है कि संसद परिसर में कभी मुलाकात हुई हो. लेकिन मामले के निपटारे के संबंध में माल्या से कोई बात नहीं हुई है.

अरुण जेटली ने माल्या के दावे को खारिज करते हुए अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘‘2014 के बाद से, उन्होंने भगोड़ा शराब कारोबारी को मिलने के लिए कभी समय नहीं दिया और मुझसे मुलाकात होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि इसमें सच्चाई नहीं झलकती है.’’

जेटली ने कहा कि माल्या ने राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए संसद के गलियारे में एक मौके पर उन्हें रोक कर उनसे बात करने कोशिश की थी. ‘‘उस वक्त मैं अपने कक्ष में जाने के लिए सदन से बाहर जा रहा था.’’

वित्त मंत्री ने लिखा है कि माल्या ने चलते-चलते एक वाक्य कहा कि ‘‘मैं (माल्या) एक निपटारे की पेशकश कर रहा हूं ...लेकिन मैंने उसे बातचीत आगे नहीं बढ़ाने दी, मैंने बड़े ही प्यार से उससे कहा कि मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अवश्य ही बैंकरों के पास अपनी पेशकश करनी चाहिए.’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यहां तक कि मैंने माल्या के हाथ में मौजूद कुछ कागज भी नहीं लिए.’’ हालांकि अपने बयान पर माल्या ने भी सफाई देते हुए जेटली के साथ बैठक से इंकार किया है.

बात दें कि भगोड़े शराब कारोबारी माल्या ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर पत्रकारों से कहा, "मेरी जेनेवा में एक बैठक प्रस्तावित थी. भारत छोड़ने से पहले मैंने वित्तमंत्री से मुलाकात की थी. बैंकों के साथ मामला निपटाने का अपना प्रस्ताव मैंने दोहराया था. यह सच है."

धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहा 62 वर्षीय माल्या अपने प्रत्यर्पण के एक मामले के सिलसिले में अदालत पहुंचा था. माल्या जब 2016 में भारत से भागा था, उस वक्त भी जेटली वित्त मंत्री थे.

वहीं माल्या के आरोपों के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार को बताना होगा कि विजय माल्या को भारत से जाने कैसे दिया गया. मोदी सरकार को वित्त मंत्री जेटली से माल्या की मुलाकातों का ब्योरा देना पड़ेगा. रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास' बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य है."