तमिलनाडु एंटी स्टरलाइट प्रोटेस्ट: आखिर क्यों हो रहा तूतीकोरिन के वेदांता कॉपर प्लांट का विरोध, जानिए 5 खास बातें
रजनीकांत, कमल हसन और एमडीएमके चीफ वाइको (Photo Credit-Facebook/twitter)

नई दिल्ली: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पिछले एक महीने से वेदांता की स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद करने की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों की पुलिस से टकराव की स्थिति पैदा हो गई और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. आलम यह था कि थूथूकुडी में कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. प्रशासन ने घटनास्थल पर अभी धारा 144 लगा रखी है, जबकि पड़ोसी जिलों से 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए भेजे गए हैं. दूसरी तरफ एक घंटे में तूतीकोरिन में कमल हासन पहुंचनेवाले है, इसके बाद वे एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.

बता दें कि एमडीएमके चीफ वाइको ने अस्पताल पहुंचकर स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के खिलाफ प्रदर्शन में घायल हुए लोगों से मुलाकात की. दूसरी तरफ न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी ने प्रदर्शन में मारे गए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 3 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है. साथ ही सूबे की सरकार मारे गए परिजन के सदस्य को नौकरी भी देगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने कहा कि घटना की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन होगा.

-जानिए क्या है पूरा मामला और क्यों हो रहा है विरोध.

बताना चाहते है कि तूतीकोरीन में लोग बीते 100 दिनों से कॉपर प्लांट को बंद करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. क्षेत्रीय लोग इस प्लांट की क्षमता बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं. साथ ही प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इस प्लांट के चलते पूरे क्षेत्र में ग्राउंड वॉटर में प्रदूषण का स्तर बढ़ चुका है. कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने वेदांता को छोटी चिमनी के साथ प्लांट चलाने की अनुमति दी है जिसके चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. छोटी चिमनी के चलते कंपनी को खर्च बचाने में मदद मिल रही है और इसकी कीमत लोगों को जल श्रोत के खराब स्तर के तौर पर उठानी पड़ रही है.

मामले पर वेदांता की सफाई.

वही मामले ने तूल पकड़ा तो स्टरलाइट कॉपर के सीईओ पी रामनाथ ने सफाई देते हुए दावा किया है कि प्लांट ने पर्यावरण संस्थान नीरी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई सभी शर्तों का पालन किया है. साथ ही रामनाथ ने आगे कहा कि अब उनकी कंपनी अंतरराष्ट्रीय फाइनेंस कॉरपोरेशन द्वारा तय किए गए बेंचमार्क को पूरा करने जा रही है और उनके प्लांट से पर्यावरण को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है.

कमल हासन- रजनीकांत ने घटना की निंदा की.

इस पुरे मामले पर हर तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कमल हसन का कहना है कि स्टरलाइट कॉपर के  विस्तार की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए थी. अगर संभव है तो इस इकाई को बंद करना ही अच्छा होगा.

रजनीकांत ने कहा, "यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार जिसने इस प्लांट की अनुमति दी थी, वह क्यों कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और क्यों केवल मूकदर्शक बनी हुई है.

वही इस पुरे मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य सरकार की आलोचना की है, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई को राहुल गांधी ने राज्य प्रायोजित आतंकवाद करार दिया है.

गौरतलब है कि 27 मार्च को प्लांट से उत्पादन बंद होने के बाद तमिलनाडु पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अप्रैल से प्लांट को दोबारा शुरू करने के लाइसेंस को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि वेदांता ने पर्यावरण बचाव के क्षेत्रीय कानून का उल्लंघन किया है. हालांकि पॉल्यूशन बोर्ड के इस फैसले को स्टरलाइट की तरफ से चुनौती दी गई है. जिसके बाद पॉल्यूशन बोर्ड ने मामले की अगली सुनवाई 6 जून तक टाल दी है.