बीजेपी के संकटमोचक थे अनंत कुमार, 6 बार कांग्रेस के उम्मीदवार को दी थी मात, जानें उनसे जुड़ी कुछ अहम बातें
1998 में जब अटल बिहारी वाजेपीय के नेतृत्व में पहली बार सरकार बनी तो अनंत कुमार को केंद्रीय मंत्री बनाया गया. इसके बाद 1999 में चुनाव में जीते तो वाजपेयी सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का सोमवार तड़के बेंगलुरु के अस्पताल में निधन हो गया. वह पिछले कुछ महीनों से फेफड़े के कैंसर से जूझ रहे थे. बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन में इलाज कराने के बाद वह हाल में ही बेंगलुरु लौटे थे.उनका बाद में यहां शंकरा अस्पताल में उपचार चल रहा था. बेंगलुरू से भारतीय जनता पार्टी विधायक आर. अशोक ने कहा, "मंत्री अनंत कुमार का एक निजी अस्पातल में तड़के तीन बजे निधन हो गया. उनका यहां कैंसर का इलाज चल रहा था."
22 जुलाई 1959 को जन्मे अनंत कुमार ने अपने सियासी सफ़र की शुरुआत एबीवीपी से की थी. अनंत कुमार कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी के बड़े चेहरे और राष्ट्रीय नेता के तौर पर पहचाने जाते थे. उन्होंने पहली बार 1996 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे 6 बार बेंगलुरु दक्षिण से सांसद चुने गए.
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1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली बार सरकार बनी तो अनंत कुमार को केंद्रीय मंत्री बनाया गया. इसके बाद 1999 में चुनाव में जीते तो वाजपेयी सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली. 2014 आम चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के नंदन नीलेकणि को मात दी. उन्हें पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट में जगह दी और रसायन और खाद मंत्री बनाया गया, लेकिन जुलाई 2016 में संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी सौंप दिया गया.
वैसे तो अनंत कुमार दक्षिण से आते थे मगर उत्तर भारत में भी वे लोकप्रिय थे. लोकसभा चुनाव 2014 और यूपी में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से वह सक्रिय रहे और कई रैलियां की . उन्हें पार्टी का 'ट्रबल शूटर' भी कहा जाता था.