गृहमंत्री अमित शाह बोले- कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया, अब वक्त आ गया है सच लिखने का
गृहमंत्री अमित शाह (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली:  गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को अनुच्छेद 370 पर बोलते हुए कहा कि कश्मीर को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां और गलतफहमियां आज भी फैली हुई हैं, उनका स्पष्ट होना जरूरी है. जितना स्पष्ट कश्मीर की जनता के सामने होना जरूरी है उतना स्पष्ट भारत की जनता में भी होना जरुरी है. अमित शाह ने कहा कि कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया. क्योंकि जिनकी गलतियां थीं उनके हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी आई. उन्होंने अपनी गलतियों को सील्ड करके जनता के सामने रखा. शाह ने कहा अब समय है कि इतिहास सच्चा लिखा जाए और सच्ची जानकारी जनता के सामने रखी जाए.

अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 का कोई फायदा नहीं हुआ है बल्कि नुकसान ही हुआ है. सबसे बड़ा नुकसान हुआ है कि वहां भ्रष्टाचार हुआ. हर राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो है लेकिन कश्मीर में ऐसा कोई ब्यूरो नहीं है क्योंकि उसके ना होने से भ्रष्टाचार आसानी से हो सकता था. शाह ने कहा कि आजादी के बाद से कश्मीर को दो लाख 77 हजार करोड़ रुपये दिया गया थे लेकिन वो पैसा कहां गया. जबकि किसी कश्मीरी के घर में ना तो बिजली पहुंची और ना ही पानी पहुंचा.

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कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर लिखा गया-

शाह ने कहा 370 के कारण जम्मू-मश्मीर में आतंकवाद का एक दौर चालू हुआ जिसमें अब तक 41,800 लोग मारे गए. ह्यूमन राइट्स के सवाल उठाने वालों को मैं पूछना चाहता हूं कि इन मारे गए लोगों कि विधवाओं और इनके यतीम बच्चों की आपने कभी चिंता की है क्या? अमित शाह ने कहा अनुच्छेद 370 को लेकर जो लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि ये राजनीतिक स्टैंड है.

अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधते है. अमित शाह ने कहा कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) में लेकर जाना सबसे बड़ी गलती थी. अमित शाह ने सवाल किया कि जब भारतीय सेना जीत रही थी तो नेहरू ने युद्धविराम की घोषणा क्यों की.  शाह ने कहा अगर उस समय  युद्धविराम की घोषणा नहीं की जाती तो आज पीओके भी नहीं होता.

शाह ने कहा, मैं उनको यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये हमारा स्टैंड तब से है जब से हमारी पार्टी बनी. ये हमारी मान्यता है कि जब अनुच्छेद 370 था, तब देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं था. हम सिर्फ बोलते नहीं है हमनें इसके खिलाफ बार-बार आंदोलन किए, जब तक 370 हटी तब तक 11 अलग-अलग आंदोलन हुए.