पूर्वांचल दौरे पर पहुंचे अमित शाह, दलित वोटों पर फोकस का दिया मूलमंत्र
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले शुक्रवार को बनारस के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में दलित वर्ग पर फोकस करने का मूल मंत्र दिया है. शाह पूर्वांचल को ठीक से समझते हैं उन्हें पता है यहां पर जातीय गठजोड़ के बिना कुछ भी नहीं हो सकता है.
वाराणसी, 12 नवम्बर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव के पहले शुक्रवार को बनारस के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में दलित वर्ग पर फोकस करने का मूल मंत्र दिया है. शाह पूर्वांचल को ठीक से समझते हैं उन्हें पता है यहां पर जातीय गठजोड़ के बिना कुछ भी नहीं हो सकता है. UP Assembly Elections 2022: बीजेपी की नजर पूर्वाचल की सीटों पर, पीएम मोदी और अमित शाह जल्द ही करेंगे राज्य का दौरा
इसलिए जिलाध्यक्षों और विधानसभा प्रभारियों की बैठक में उन्होंने दो टूक कहा अनुसूचित जातियों के लिए भाजपा ने बहुत सारी अच्छी योजनाएं चला रखी है. उनके बारे में उन्हें अच्छे से बताएं। पार्टी की नीतियों को ढंग से समझाएं उसे हर हाल में भाजपा की ओर प्रभावित करें. दरअसल आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर यूपी का पूर्वांचल भाजपा के लिए काफी अहम है. ऐसा इसलिए, क्योंकि पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन का कुछ असर भी है. वहीं लखीमपुर खीरी कांड भी भाजपा के लिए अलग एक उलझन बना हुआ है. ऐसे में इसका नुकसान पश्चिमी यूपी और तराई बेल्ट में देखने को मिल सकता है. इसकी भरपाई के लिए भाजपा ने पूर्वांचल की ओर अधिक फोकस करना शुरू कर दिया है.
हालांकि पूर्वी यूपी के जिलों में 2014 से लेकर अभी तक मजबूत रही है. लेकिन वर्तमान में सपा से राजभर के हुए गठबंधन से बदले परिप्रेक्ष्य के बाद भाजपा ने अब अपनी रणनीति बदल दी है. उन्होंने दलित वोटों पर सेंधमारी की रणनीति तैयार कर ली है. भाजपा के एक जिलाध्यक्ष ने बताया कि गृहमंत्री शाह ने कहा कि अब पूरा फोकस अनुसूचित जातियों पर रखना है. क्योंकि यहां पर बसपा का सफाया हो चुका है. उनका कोई भी बड़ा नेता बचा नहीं है. ऐसे में इसका फायदा उठाते हुए हर छोटे बड़े नेता को पार्टी से जोड़ें जिससे लाभ मिले. ज्यादा से ज्यादा संख्या में दलित वर्ग को ही भाजपा से जोड़ने की मुहिम को अंजाम देना होगा.
जिससे मुख्य विपक्षी दल सपा चारो खाने चित्त हो जाएगी. क्योंकि बसपा का वोट सपा में ट्रान्सफर होना मुश्किल है. 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐसा देखने को मिला चुका है. लेकिन इनके काडर वोट को अपनी ओर काम के बदलौत आकर्षित किया जा सकता है. भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार ने बहुत सारी योजनाएं सिर्फ अनुसूचित जातियों के लिए ही चलाई है. लिहाजा उन्हें पार्टी में जोड़ने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी.
ज्ञात हो कि गृहमंत्री अमित शाह का वाराणसी और पूर्वांचल का दो दिवसीय दौरा उत्तर प्रदेश में एक बड़ी सियासी लकीर खींचने जा रहा है. शुक्रवार को वाराणसी पहुंचने के बाद अमित शाह बीएचयू में महामना की पुण्यतिथि पर उनको नमन करने पहुंचे और इसके बाद बड़ालालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर रवाना हो गए. यहां उत्तर प्रदेश के 403 विधानसभा प्रभारियों से उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव पर परिचर्चा भी करेंगे. विधानसभा प्रभारी बैठक में आगामी चुनाव की पार्टी स्तर पर रूपरेखा भी तय हो जाएगी.