झारखंड विधानसभा चुनाव घोषणा से पूर्व सभी दलों के नेता 'यात्रा' पर, मतदातओं को रिझाने के लिए शुरू किया काम
झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीख की भले ही अब तक घोषणा नहीं हुई है, परंतु सभी प्रमुख दलों के नेता अपनी यात्राओं के जरिए मतदाताओं के नब्ज टटोलने निकल गए हैं. इस दौरान नेता जहां अपने विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं, वहीं अपने मुद्दों और वादों के जरिए भी मतदातओं को रिझाने की कोशिश में जुटे हैं.
झारखंड (Jharakhand) में विधानसभा चुनाव की तारीख की भले ही अब तक घोषणा नहीं हुई है, परंतु सभी प्रमुख दलों के नेता अपनी यात्राओं के जरिए मतदाताओं के नब्ज टटोलने निकल गए हैं. इस दौरान नेता जहां अपने विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं, वहीं अपने मुद्दों और वादों के जरिए भी मतदातओं को रिझाने की कोशिश में जुटे हैं.
ऐसा नहीं कि कोई एक दल अपनी खूबियां और विरोधियों की कमियां बताने के लिए इस यात्रा के सहारे मतदाताओं के बीच पहुंचे हैं, झारखंड के अधिकांश प्रमुख दलों के नेता विभिन्न 'रथों' पर सवार 'यात्रा' पर हैं.
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) जहां 'जन अर्शीवाद यात्रा' के जरिए अपने पांच वर्षो का गुणगान कर रहे हैं, वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 'बदलाव यात्रा' के तहत लोगों से राज्य में सरकार बदलने की अपील करते हुए सरकार की कमियां गिना रहे हैं.
झारखंड विकास मोर्चा (Jharkhand Vikas Morcha) के बाबूलाल मरांडी 'जनादेश यात्रा' में चुनिंदा स्थानों में जाकर लोगों के बीच जोश भर रहे हैं, जबकि जद (यू) 'जनभावना यात्रा' के जरिए लोगों से संवाद कर रही है.
लोकसभा चुनाव में झारखंड में भाजपा की बड़ी जीत से उत्साहित मुख्यमंत्री रघुवर दास 'जन आशीर्वाद यात्रा' के दौरान अपनी सरकार द्वारा किए गए विकास कायरें को गिनवा रहे हैं. दास सरकार को किसानों की विकास के प्रति सजग सरकार बता रहे हैं तथा 'डबल इंजन' की सरकार की आवश्यकता बता कर फिर से भाजपा की सरकार बनाने की अपील कर रहे हैं. मुख्यमंत्री इस दौरान विपक्ष पर निशना साधने से भी नहीं चुक रहे हैं. वह जहां कांग्रेस और झामुमो पर झारखंड में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगाते हैं, वहीं गरीब, किसान, महिला और युवाओं के विकास की बात भी करते हैं.
भाजपा प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर कहते हैं, "चुनाव में सभी पार्टियां अपनी रणनीति के तहत चुनावी मैदान में उतरती हैं. भाजपा भी अपने विकास कायरें को लेकर जनता के बीच जा रही है. इसी के तहत मुख्यमंत्री लोगों से फिर से आशीर्वाद मांग रहे हैं." विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन भी अपनी 'बदलाव यात्रा' के दौरान आयोजित सभाओं में सरकार की कमियां गिनाकर रघुवर सरकार को बदलने की अपील कर रहे हैं. इस क्रम में वह आदिवासियों को रिझाने के लिए आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने का मुद्दा भी उठाते हैं तथा लोगों को 'लिंचिंग' की घटना की याद दिलाते हैं.
रघुवर दास पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सोरेन मुख्यमंत्री पर युवा विरोधी, आदिवासी विरोधी और गरीबों के विकास का विरोधी होने का आरोप लगाते हैं. झाविमो के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी अपनी 'जनादेश यात्रा' के दौरान मतदाताओं का नब्ज टटोल रहे हैं. वह अपनी सभाओं में राज्य की कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठा रहे हैं.
बिहार में भाजपा के साथ सरकार चला रहे जद (यू) के नेता भी जनभावना यात्रा के जरिए चुनिंदा क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं. इस यात्रा के क्रम में जद (यू) के महासचिव आऱ सी़ पी़ सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू भाजपा सरकार की आलोचना कर रहे हैं. यात्रा के क्रम में मुर्मू भाजपा के साथ-साथ मुख्य विपक्षी दल झामुमो को भी आड़े हाथ ले रहे हैं.
मुर्मू ने कहा, "झारखंड की सरकार खुद को डबल इंजन वाली विकास की सरकार कहती है, जबकि असल में यह डबल इंजन वाली विनाश की पार्टी है. इसका काम है जल, जंगल, जमीन और जीवन को बर्बाद करना और झारखंड की खनिज संपदा को लूटकर उद्योगपतियों को सौंपना."