समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को इलाहबाद यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में जाने से लखनऊ एयरपोर्ट पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर विवाद बढ़ता दिख रहा है. इस बीच अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. अखिलेश ने कहा छात्रों के कार्यक्रम में न जाने का दुख है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की नियत साफ नहीं थी. अखिलेश यादव ने कहा, 'मुझे इस समय इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच अपनी बात रखनी थी. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और छात्रसंघ के अध्यक्ष के कार्यक्रम में मुझे शामिल होना था.
अखिलेश ने आगे कहा मुझे दु:ख है इस बात का कि जो छात्र इतने दिनों से तैयारी कर रहे थे और उस कार्यक्रम में शामिल होकर हमें अपनी बात रखनी थी, वह नहीं हो पाया. सरकार का मन और नियत साफ नहीं रहा. यूनिवर्सिटी का कार्यक्रम मैंने बहुत महीने पहले भेज दिया था. छात्रसंघ के नेताओं ने भी प्रशासनिक अधिकारियों और वीसी से मुलाकात करने के बाद ही मुझे कार्यक्रम की तारीख दी थी.'
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश के जाने से कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा था. उन्होंने कहा कि एसपी को अपनी अराजकतावादी गतिविधियों से बचना चाहिए. इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने अनुरोध किया कि छात्र संगठनों के बीच विवाद के कारण अखिलेश यादव की यात्रा कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकती है. इसलिए उन्हें कार्यक्रम में जाने से रोका गया. यह भी पढ़ें- बीकानेर प्रॉपर्टी केस: मां से पूछताछ के बाद भावुक हुए राबर्ट वाड्रा फेसबुक पर लिखा ये इमोशनल पोस्ट
UP CM on Akhilesh Yadav stopped at Lucknow Airport: SP should refrain from its anarchist activities. Allahabad University requested that Akhilesh Yadav’s visit may create law & order problem because of the dispute between student organisations. Hence the government took this step pic.twitter.com/hw8IhXU6ux
— ANI UP (@ANINewsUP) February 12, 2019
Allahabad University Registrar had yesterday written to Personal Secretary of Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav, informing him that politicians are not allowed in university programmes. pic.twitter.com/q0dawWB8kp
— ANI UP (@ANINewsUP) February 12, 2019
अखिलेश यादव ने कहा बीजेपी और उनके सभी समर्थक इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के चुनाव को अपने चुनाव समझ रहे थे. सरकार और सभी मंत्री इस चुनाव में लड़ रहे हैं. जब भी सीएम यूनिवर्सिटी गए, उन्होंने अपने लोगों को आदेश दिया कि ये चुनाव नहीं हारने चाहिए. सीएम जो हमारे जाने से हिंसा की बात कह रहे हैं. इनके अधिकारी सबसे ज्यादा हिंसा कर रहे हैं. एक भी मेरी लगाई हुई धाराएं नहीं हैं. हिंसा करने वाला ही मुख्यमंत्री बन गया. ये हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है.अधिकारी को ये ही नहीं पता था कि वो क्यों रोकना चाहता है. इनके दिमाग की गंदगी तो कहीं न कहीं निकलेगी.
अखिलेश ने कहा, मुझे जानकारी मिली है कि रात में कुछ अधिकारियों ने मेरे घर की रैकी की थी. सुबह साढ़े छह बजे तीन अधिकारी मेरे घर के पास आकर बैठा दिए गए. मुझे लगा कि पता नहीं ये क्यों आए हैं. एयरपोर्ट परिसर में यूपी पुलिस नहीं जा सकती. लेकिन उसे बाद भी सरकार की ताकत देखिए कि यूपी के अधिकारियों ने मुझे प्लेन पर चढ़ने से रोक दिया गया. फिर सीएम योगी का भाषण देखिए कि मैं अराजकता फैलाने जा रहा था, हिंसा फैलाने जा रहा था. समन में भी उनके भाषण सुने हैं, उनकी भाषा 'ठोकने वाली' होती है. अगर मैं हिंसा फैलाने जा रहा था कि मुझ पर एक भी धारा लगी हो तो बताइए. हम आपको दिखाते हैं कि उन पर कितनी धाराएं लगी हैं. यह देश के पहले सीएम हैं, जिन्होंने खुद पर लगी धाराओं को वापस ले लिया. अभी चुनाव के दिन कम हैं, जनता केवल तारीख का इंतजार कर रही है. वह मन बना चुकी है कि उसे क्या करना है.
ठोको नीति, रोको नीति
अखिलेश ने कहा घबराई हुई सरकार है ये यूपी की. नौजवान इंतजार कर रहा है कि उसे कब मौका मिलेगा. अखाड़ा परिषद की अध्यक्ष नरेंद्र गिरी जी ने भी अपने यहां भोजन रखा था. ये यूपी के सीएम कैसे साधु-संत हैं. जो दूसरे साधु-संतों से नहीं मिलने देना चाहते. उनसे क्या सीखोगे- ठोको नीति, रोको नीति. एक सरकार जो छात्रों से डर रही है. जो सरकार छात्रों से डर जाए उनके पास कुछ बचा नहीं है. नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया है इन्होंने. उन्हें मजबूर किया है कि वो बेरोजगार बने रहें. अधिकारी तो नौकरी वाले लोग हैं. जो ऊपर वाले लोग कहेंगे वो अधिकारी करते हैं.
मायावती ने बताया लोकतंत्र की हत्या
अखिलेश यादव को रोके जाने पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी बीजेपी पर हमला बोला है. मायावती ने कहा कि इलाहाबाद जा रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हवाई अड्डे पर रोकना अति निन्दनीय और भाजपा सरकार की तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या का प्रतीक. मायावती ने दूसरे ट्वीट में लिखा क्या बीजेपी की केंद्र व राज्य सरकार बीएसपी-सपा गठबंधन से इतनी ज्यादा भयभीत व बौखला गई है कि उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधि व पार्टी प्रोग्राम आदि करने पर भी रोक लगाने पर वह तुल गई है. अति दुर्भाग्यपूण. ऐसी आलोकतंत्रिक कार्रवाईयों का डट कर मुकाबला किया जायेगा.
इसके साथ ही अखिलेश ने कहा, मुझे रोकने वाले अधिकारी के पास कोई कागज भी नहीं था. मैंने अधिकारी से पूछा कि मुझे कागज दिखाइए कि क्यों रोका जा रहा है. लेकिन उनके पास कोई कागज नहीं था. उसके बाद सरकार ने कागज बनाकर मेरे पास भेजा. अब आप किसी के साथ जाना चाहते हैं तो जा नहीं सकते, किसी से कुछ बोलना चाहते हैं तो बोल नहीं सकते. लेकिन आप ऐसा व्यवहार कर रहे हैं तो आप तैयार रहें आपके साथ ही ऐसा ही होगा.