पटना, 23 सितंबर. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि वायु प्रदूषण से कोविड-19 का खतरा बढ़ जाता है. गया और मुजफ्फरपुर के लिए एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (आद्री) व अन्य संगठनों द्वारा तैयार 'स्वच्छ हवा कार्ययोजना' को वर्चुअल जारी करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अमेरिका के हावर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि वायु में पीएम 2़5 कण के 1 प्रतिशत की वृद्धि होने पर कोविड-19 संक्रमण का खतरा कई प्रतिशत बढ़ जाता है.
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण फेफड़े प्रभावित होते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. मोदी ने कहा कि मुजफ्फरपुर और गया में नए डीजल वाहनों के निबंधन पर रोक लगा दी गई है, वहां केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का ही नया निबंधन होगा. उन्होंने कहा कि आईआईटी, दिल्ली के साथ मिलकर पटना में सर्वाधिक वायु प्रदूषण वाले 'हॉटस्पॉट' की पहचान की जाएगी. यह भी पढ़ें-सुशांत सिंह राजपूत केस: डिप्टी सीएम सुशील मोदी बोले, बिहार पुलिस की मदद नहीं कर रही है मुंबई पुलिस, जांच CBI को सौंपने की कही बात
भाजपा नेता ने कहा, "अगले तीन महीने में 30 करोड़ की लागत से 23 जिलों में 24 नए वायु मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. फिलहाल पटना में 6, गया और मुजफ्फरपुर में 2-2 और हाजीपुर में एक मॉनिटरिंग स्टेशन वायु गुणवत्ता मापने का कार्य कर रहे हैं."
वायु प्रदूषण वाले शहरों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने पटना सहित बिहार के दो अन्य शहरों गया और मुजफ्फरपुर को भी सर्वाधिक वायु प्रदूषित शहरों की सूची में रखा है.
रिपोर्ट का हवाला देते हुए मोदी ने बताया कि गया और मुजफ्फरपुर में परिवहन की वजह से 21 से 23 प्रतिशत, सड़क व भवन निर्माण एवं निर्माण सामग्रियों के परिवहन से 11 से 13 प्रतिशत तथा फसल अवशेष व कचरा जलाने से 6 प्रतिशत वायु प्रदूषित होता है.
इस मौके पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ़ ए़ क़े घोष व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह भी उपस्थित थे.