136th Foundation Day of Congress: कांग्रेस के स्थापना दिवस से एक दिन पहले ही विदेश रवाना हुए राहुल गांधी
राहुल गांधी ऐसे समय पर विदेश गए हैं जब कांग्रेस सोमवार को अपने स्थापना के 136वें वर्ष में प्रवेश कर जाएगी. यह समय इसलिए भी खास है क्यों कि देशभर में नए कृषि कानूनों को लेकर सियासत गर्म है.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) रविवार को अपनी निजी यात्रा पर विदेश रवाना हुए. पार्टी ने यह जानकारी दी. हालांकि कांग्रेस ने यह नहीं बताया कि राहुल गांधी कहां गए हैं. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने पुष्टि की कि वह कुछ दिनों तक बाहर रहेंगे. रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से कहा, "कांग्रेस नेता राहुल गांधी संक्षिप्त व्यक्तिगत यात्रा के लिए विदेश रवाना हुए हैं और वह कुछ दिनों तक बाहर रहेंगे." इस बीच कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि राहुल गांधी इटली के लिए रवाना हुए हैं.
राहुल गांधी ऐसे समय पर विदेश गए हैं जब कांग्रेस सोमवार को अपने स्थापना के 136वें वर्ष (136th Foundation Day of Congress) में प्रवेश कर जाएगी. यह समय इसलिए भी खास है क्यों कि देशभर में नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर सियासत गर्म है. किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है, वे कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 136 वां स्थापना दिवस 28 दिसंबर को विभिन्न अभियानों के माध्यम से मनाया जाएगा. किसानों के आंदोलन पर बोले राहुल गांधी- मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने राज्य इकाइयों को 28 दिसंबर को 'तिरंगा यात्रा' के आयोजन और सोशल मीडिया अभियान 'सेल्फी विद तिरंगा' चलाने सहित विभिन्न अभियानों के माध्यम से पार्टी के स्थापना दिवस को मनाने के लिए कहा है. हालांकि, इस साल कांगरी राहुल गांधी की अनुपस्थिति में स्थापना दिवस मनाएगी. इस मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में पार्टी का झंडा फहराया जाएगा.
बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन 28 दिसंबर, 1885 को हुआ था और इसका पहला सत्र 28 दिसंबर से 31 दिसंबर तक बॉम्बे में आयोजित किया गया था. उमेश चंद्र बनर्जी कांग्रेस के पहले अध्यक्ष थे. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस समय संकट से जूझ रही है. कई राज्यों में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है. वहीं कई चुनावों में हर के बाद कांग्रेस में कई बड़े नेता पार्टी के नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं.