इंदौर में NOTA पर सियासी संग्राम, कोई पिला रहा 'चाय', कोई याद दिला रहा 'नोट की बात'

मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार की ओर से नामांकन वापस लिए जाने के बाद नोटा पर सियासत गर्मा गई है. इंदौर में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होने वाला है. यहां से भाजपा ने शंकर लालवानी को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है.

Representational Image | PTI

इंदौर, 10 मई : मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर की लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार की ओर से नामांकन वापस लिए जाने के बाद नोटा पर सियासत गर्मा गई है. इंदौर में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होने वाला है. यहां से भाजपा ने शंकर लालवानी को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है. जबकि, कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को उम्मीदवार बनाया था. मगर, उन्होंने न केवल अपना नाम वापस ले लिया बल्कि भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण कर ली. इससे चुनाव से कांग्रेस बाहर हो गई है. कांग्रेस के चुनाव से बाहर होने के बाद से ही पार्टी के तमाम बड़े नेता मतदाताओं से नोटा का बटन दबाने की अपील कर रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तो स्वच्छता में नंबर एक पर रहने वाले इंदौर के लोगों से राजनीति में भी स्वच्छता का साथ देने की अपील की है. उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए लोगों से नोटा का बटन दबाने की अपील की. इतना ही नहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तो नोटा के समर्थन में एक अभियान भी छेड़ रखा है. इस अभियान के तहत लोगों को 'नोटा चाय' पिलाई जा रही है और उनसे नोटा का बटन दबाने की भी अपील की जा रही है. यह भी पढ़ें : Akshay Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर शुभवस्त्रम में दिखी रामलला सरकार की भव्य झलक, मंत्रमुग्ध हुए भक्त

एक तरफ जहां कांग्रेस नोटा के लिए अभियान चला कर पोस्टर लगा रही है तो दूसरी ओर भाजपा भी कांग्रेस के खिलाफ अभियान में जुटी है. भाजपा की ओर से कांग्रेस पर हमला करते हुए पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिन पर लिखा है, 'नोट चलाने वाले अब नोटा चला रहे हैं, राष्ट्रहित में मतदान करें.'

इसके साथ ही राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत की ओर से नोटा को लेकर दिया गया बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया है. विजयवर्गीय ने लिखा कि लोकतंत्र में उपलब्ध प्रत्याशियों में से जो सर्वाधिक योग्य लगे, उसे अपना मत देने में ही समझदारी है. नोटा का विकल्प हमारे हित में नहीं है. इंदौर में इन दिनों उम्मीदवारों के प्रचार से ज्यादा नोटा की चर्चा है. कांग्रेस लोगों से नोटा का बटन दबाने की अपील कर रही है तो भाजपा लोगों को यह समझने में लगी है कि वह

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