नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu- Kashmir) में राजनितिक हलचल तेज हो गई है. जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों की एक मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्र के कई नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के करीब दो साल बाद यह इस तरह की पहली पहल होगी. Modi Cabinet Expansion 2021: मोदी सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बनाया जा सकता है मंत्री, दो चेहरों में मध्य प्रदेश से नाम सबसे आगे.
जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र की ओर ये पहली बड़ी पहल मानी जा रही है. इस मीटिंग में जम्मू और कश्मीर दोनों ही क्षेत्रों के नेताओं को बुलाया गया है. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन को चर्चा के लिए आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इस मीटिंग को लेकर महबूबा ने पीटीआई- को बताया कि उन्हें केंद्र से 24 जून को बैठक के लिए फोन आया था. उन्होंने कहा, "मैंने अभी फैसला नहीं किया है. मैं अपनी पार्टी के सदस्यों से चर्चा करके अंतिम फैसला लूंगी."
पीडीपी के प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने कहा कि मुफ्ती को अनौपचारिक रूप से मोदी की बैठक के लिए बुलाया गया है. उन्होंने कहा, "यह एक अनौपचारिक निमंत्रण है और उम्मीद है कि पार्टी को औपचारिक निमंत्रण भी मिलेगा."
NC के प्रवक्ता इमरान नबी ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा बातचीत के लिए तैयार रही है." वहीं अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि उन्हें किसी भी प्रस्तावित बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है, लेकिन वे इसके लिए तैयार हैं, क्योंकि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. उन्होंने का, "यह एक स्वागत योग्य कदम है कि प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर के नेताओं से मिलेंगे.
कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि केवल बातचीत ही जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों को हल कर सकती है,.उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने हमेशा बातचीत की हिमायत की है और इसके लिए सभी पक्षों को लचीलापन दिखाना होगा.