नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30-31 अगस्त को काठमांडू में होने आयोजित होने वाले बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकॉनोमिक को-ऑपरेशन (बिम्सटेक) के चौथे सम्मेलन में शामिल होने के लिए नेपाल जाएंगे. यह जानकारी शुक्रवार को एक अधिकारी ने दी. विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति सरन ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि कार्यक्रम की शुरुआत में बिम्सटेक के नेता संयुक्त रूप से 30 अगस्त को सम्मेलन के आयोजक नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात करेंगे. इसके बाद सम्मेलन का पूर्ण उद्घाटन सत्र का आयोजन होगा. सम्मेलन का समापन 31 अगस्त होगा.
सरन के अनुसार, सम्मेलन के बाद संयुक्त घोषणा पत्र भी जारी किया जाएगा.
बैंकॉक के घोषणा पत्र के माध्यम से छह जून 1997 को बिम्सटेक अस्तित्व में आया.
इसमें बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बसे सात देश-बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं.
समूह में शामिल सात देशों की आबादी 1.5 अरब है जोकि दुनिया की आबादी का 21 फीसदी है और इस समूह का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2500 अरब डॉलर है.
बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में स्थित दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग स्थापित करना है.
सरन ने कहा, "बिम्सटेक आर्थिक और रणनीतिक तौर पर विकास कर रहा है."
उन्होंने कहा, "विविधता के बीच सामूहिक रूप से प्रतिक्रिया करना इस समूह की शक्ति है."
सरन ने कहा कि एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी को लेकर बिम्सटेक भारत के लिए महत्वपूर्ण है.
उन्होंने बताया कि गोवा में बिस्मटेक सम्मेलन का आयोजन होने के दो साल बाद काठमांडु में आयोजित होने वाले सम्मेलन में समूह के सदस्य देशों के नेता मिलेंगे.