प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया की सबसे वजनी भगवत गीता (Bhagavad-gita) का 15 फरवरी को लोकार्पण करेंगे. दुनिया की सबसे वजनी भगवत गीता को इटली (ISKCON Italy) में बनाया गया है. सबसे बड़ी का निर्माण विश्वभर में भगवान श्री कृष्ण का संदेश फैलाने वाली संस्था इंटरनेशनल कृष्णभावनामृत संघ यानी इस्कॉन ने कराया है. इसे छपवाने में संस्था को करीब ढाई साल का समय लगा है. भगवत गीता को समुद्री मार्ग से गुजरात के मुंद्रा लाया गया. जिसके बाद 20 जनवरी को यह किताब दिल्ली पहुंची.
बता दें कि अमर उजाला की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकार्पण करने के बाद इसे दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में रखा जाएगा. भगवत गीता को रखने के लिए दो टन का हाइड्रॉलिक स्टैंड भी बनाया गया है. भगवत गीता की यह किताब 12 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी है. इसके एक पन्ने को पलटने के लिए तकरीबन 4 लोगों की जरूरत पड़ती है. इस किताब में कुल 670 पन्ने हैं. इसे बनाने के लिए सिंथेटिक कागज, सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी धातुओं का भी इस्तेमाल किया गया है.
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800 किलो वजनी किताब के पन्ने सोना-चांदी जैसी धातु से बना है. 670 पेज हैं गीता में, एक पन्ने को पलटने में चार लोग लगते हैं. 12 फीट लंबाई, 9 फीट चौड़ाई है, इसे बनाने में 1.5 करोड़ रूपये खर्च और एक साल में तैयार किया गया. पहली बार इसे इटली में 12 नवंबर को प्रदर्शित किया गया था. इसके कवर पेज को बनाने के लिए सैटेलाइट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर प्रयोग किया गया है. इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रीमद् एसी भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने इसका निर्माण कराया है.