Jawaharlal Nehru Birth Anniversary: पीएम मोदी ने पं. नेहरू की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, देशभर में मनाया जा रहा Children's Day 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पं. जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पं. जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पं. नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और उनका योगदान भारतीय राजनीति, समाज और संस्कृति में अनमोल है. उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद देश को न केवल नेतृत्व दिया, बल्कि उसे एक नई दिशा भी दी.

पं. नेहरू का योगदान 

पंडित नेहरू का योगदान भारतीय समाज में अमिट रहेगा. उन्होंने भारतीय राजनीति में लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव रखी और देश की तरक्की के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां बनाईं. उनका दृष्टिकोण हमेशा विकास और शिक्षा के महत्व पर जोर देता था. उनके नेतृत्व में भारत ने औद्योगिक विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई मील के पत्थर हासिल किए.

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, "हमारे पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

नेहरू की विचारधारा का असर आज भी 

पं. नेहरू का विचार देश की स्वतंत्रता और एकता के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक विविधताओं की सराहना करता था. उन्होंने भारतीय राजनीति में धर्मनिरपेक्षता, समानता और भाईचारे की महत्वपूर्ण भूमिका स्थापित की. उनका दृष्टिकोण आज भी भारतीय समाज में समानता और समृद्धि के लिए मार्गदर्शक है.

बाल दिवस 2024: बच्चों के अधिकारों और उज्जवल भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता

बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है, जो भारतीय लोकतंत्र के पहले प्रधानमंत्री, पं. जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर आयोजित होता है. पं. नेहरू को बच्चों से बेहद स्नेह था और उन्होंने हमेशा बच्चों के कल्याण के लिए काम किया. उनका मानना था कि एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र की नींव बच्चों पर ही टिकी होती है. इसी विचार को ध्यान में रखते हुए उनकी जयंती को "बाल दिवस" के रूप में मनाया जाता है.

बालकों के प्रति पं. नेहरू का प्रेम

पं. नेहरू बच्चों को "राष्ट्र का भविष्य" मानते थे और उनका मानना था कि बच्चों को प्यार, देखभाल, और उचित शिक्षा मिलनी चाहिए, ताकि वे एक उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें. उनका यह दृष्टिकोण आज भी समाज में बच्चों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है.

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