PM Modi Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 72वीं वर्षगांठ पर जानें उनके 11 बेशकीमती और प्रेरक तथ्य!
नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी में स्कूली शिक्षा पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए बच्चों में गणितीय सोच और वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि गणितीय सोच का मतलब यह नहीं है कि बच्चे केवल गणित का ही प्रश्न हल करें, बल्कि यह सोचने का एक तरीका भी हो सकता है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इसके बाद उन्होंने देश हित के कई दूरगामी फैसले लेकर भारत को एक नया भारत बनाने की कोशिश की. भारतीय जनता ने उनके तमाम निर्णय, उनकी विदेश नीति, उनके कार्य कर्मठता आदि की सराहना करते हुए पांच साल बाद पुनः सत्तासीन करवाया. नरेंद्र मोदी ने अपने वाक्य कौशल से सदा लोगों को मंत्रमुग्ध किया. उन्होंने दर्शा दिया कि सच्ची लगन और मेहनत से एक चाय की दुकान चलाने वाला आम व्यक्ति देश चलाने वाला खास व्यक्ति भी बन सकता है. उनका सफर प्रेरणादायक और सफल रहा है. बतौर प्रधानमंत्री अपनी 8 वर्ष का कार्यकाल में नरेंद्र मोदी ने देश की जनता ही नहीं विदेश में भी अपनी विशेष छाप छोड़ी है. उनकी 72वीं वर्षगांठ पर प्रस्तुत है, उनके 11 बेशकीमती प्रेरक तथ्य जो हमारे जीवन में अहम मोड़ साबित हो सकते हैं.
राष्ट्र की प्रगति में आगे आएं युवा
भारत में असीमित संभावनाओं का भंडार है, भारत विश्व में सबसे युवा राष्ट्र है, युवाओं का राष्ट्र की प्रगति में आगे आना होगा.
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गणितीय सोच और वैज्ञानिक स्वभाव नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी में स्कूली शिक्षा पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए बच्चों में गणितीय सोच और वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि गणितीय सोच का मतलब यह नहीं है कि बच्चे केवल गणित का ही प्रश्न हल करें, बल्कि यह सोचने का एक तरीका भी हो सकता है.'
कड़ी मेहनत
कड़ी मेहनत से कभी थकान नहीं होती, बल्कि इससे संतुष्टि मिलती है.
आजीवन विद्यार्थी बने रहना चाहिए
हमें जीवन भर विद्यार्थी बने रहने की सोच रखनी चाहिए. जीवन के हर पल से कुछ ना कुछ सीखने के लिए तैयार और तत्पर रहना चाहिए.
125 करोड़ कदम अगर 125 करोड़ लोग एक साथ काम करते हैं; तो भारत 125 करोड़ कदम आगे बढ़ेगा.
एक लक्ष्य, एक दिशा राष्ट्र को एक लक्ष्य, एक दिशा, एक इरादा और एक निर्णय की ओर बढ़ना चाहिए.
लोकतंत्र की ताकत
एक गरीब का बेटा आज आपके सामने खड़ा है. यही लोकतंत्र की ताकत है.
प्रधान सेवक मैं आपसे वादा कर सकता हूं, अगर आप 12 घंटे काम करते हैं, तो मैं 13 घंटे काम करूंगा. अगर आप 14 घंटे काम करते हैं, तो मैं 15 घंटे काम करूंगा. क्यों? क्योंकि मैं 'प्रधान मंत्री' नहीं, बल्कि 'प्रधान सेवक' हूं.
स्वच्छ भारत
महात्मा गांधी ने स्वच्छता से कभी समझौता नहीं किया. उन्होंने हमें आजादी दिलाई. हमें उन्हें स्वच्छ भारत देना चाहिए.
आत्म शक्ति
आत्म शक्ति व्यक्ति को महान बनाती है, जो व्यक्ति आत्म शक्ति से परिपूर्ण है, वह सदैव अपना लक्ष्य प्राप्त करके ही रहता है.
छात्रों के 5 कौशल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने '21वीं सदी के कौशल' के बारे में बात करते हुए कहा कि छात्रों को इन 5 कौशलों के साथ आगे बढ़ना होगा. उन्होंने कहा, ये महत्वपूर्ण सोच, रचनात्मकता, सहयोग, जिज्ञासा और संचार हैं.