नई दिल्ली, 22 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि लाखों रिक्त पदों पर चयन की प्रक्रिया को चंद महीनों में पूरा करना और नियुक्ति पत्र जारी करना इस बात का संकेत है कि पिछले सात-आठ साल में सरकारी व्यवस्था में बदलाव आया है. उन्होंने वस्तुत: एक रोजगार मेले का उद्घाटन करते हुए ये अवलोकन किए, जहां 75,000 नव नियुक्त नियुक्तियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए. प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि सरकार ने महामारी के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की, जिससे करोड़ों नौकरियों के नुकसान को रोकने में मदद मिली.
उन्होंने बताया कि केंद्र विनिर्माण और पर्यटन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि वे अधिकतम रोजगार पैदा करते हैं. मोदी ने कहा, "आज वह दिन है जब देश में पिछले आठ वर्षो से चल रहे रोजगार और स्वरोजगार अभियानों से रोजगार मेला के रूप में एक नई कड़ी जुड़ रही है." प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार एक कार्यक्रम के तहत 75,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र दे रही है. रोजगार मेले का औचित्य बताते हुए उन्होंने कहा, "हमने तय किया है कि एक बार में नियुक्ति पत्र देने की परंपरा शुरू की जानी चाहिए ताकि परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का सामूहिक स्वभाव विभागों में विकसित हो." यह भी पढ़ें : हिमाचल चुनाव: कांग्रेस ने चुनाव के लिए चार और उम्मीदवारों की घोषणा की
मोदी ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा, "भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. पिछले आठ वर्षों में हम दसवें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं. यह सच है कि दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं महंगाई, बेरोजगारी से जूझ रही हैं.. 100 साल के सबसे बड़े संकट के दुष्परिणाम सिर्फ 100 दिनों में दूर नहीं हो सकते." उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद, "भारत पूरी ताकत से, नई पहल और कुछ जोखिमों के साथ, वैश्विक संकट से खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है. हम आपके सहयोग से अब तक खुद को बचा पाए हैं. हमने पिछले आठ वर्षों में उन मुद्दों को कम किया है जो हमारे रास्ते में बाधाएं पैदा करते हैं."
प्रधानमंत्री ने उन दिनों को याद किया जब सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करना एक बोझिल प्रक्रिया थी और चयन में पक्षपात और भ्रष्टाचार व्याप्त था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के शुरुआती वर्षो में केंद्र सरकार के ग्रुप सी और ग्रुप डी पदों पर सेल्फ अटेस्टेशन और इंटरव्यू खत्म करने जैसे कदमों से युवाओं को मदद मिली है.