लखनऊ: महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश में प्लास्टिक पर 15 जूलाई से प्रतिबन्ध लगाने जा रहे हैं. जिसके लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आम जनता का सहयोग मांगा है. योगी ने रामनगर स्थित लोधेश्वर महादेव में आयोजित वन महोत्सव के दौरान कहा कि उन्होंने 15 जुलाई से प्रदेश में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है और सरकार जनता से चाहती है कि आम जनता सरकार के इस फैसले में अपना सहयोग दें. उत्तर प्रदेश सरकार में १५ जुलाई से प्लास्टिक के कप, प्लेट, ग्लास और पॉलीथीन आदि सामग्री पर प्रतिबन्ध लगाया है. वही प्रदेश में सरकार के इस फैसले को लेकर प्रदेश के अधिकारियों का कहना है कि इस आदेश को जमीन पर उतारने के लिए तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है और संबंधित विभाग से इस सिलसिले में जल्द से जल्द ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करने को कहा गया है.
इसके बाद मुख्यमंत्री के साथ बैठक की जाएगी.जिसके बाद बिचार किया जायेगा कि प्लास्टिक पाबन्दी का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना कितना वसूल किया जाय.बताना चाहेंगे कि कि राज्य मंत्रिमंडल ने दिसम्बर 2015 में 40 माइक्रॉन या उससे ज्यादा के पॉलीथीन बैग के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने के प्रस्ताव को पारित किया गया था. लेकिन उस आदेश को पालन नहीं किया गया.
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद एक बार फिर यह कदम उठाया है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें क्या-क्या रियायतें दी जाएंगी और सजा का क्या प्रावधान होगा. गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में प्लास्टिक पाबन्दी को ल लेकर सरकार ने 5 हजार से लेकर 25 हजार तक का जुर्माना निर्धारित किया है.
लेकिन वही महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर प्रतिबंध से 15 हजार करोड़ का होगा नुकसान अब तक जहां हो चुका है वही, प्लास्टिक के फैक्ट्रियों में काम करने वाले करीब 3 लाख लोग बेरोजगार हो गए है