
महाराष्ट्र में हाई-एंड लग्ज़री कारें (High-End Luxury Cars), सीएनजी (CNG) और एलपीजी (LPG) से चलने वाले वाहन, और हल्के मालवाहक वाहन (Light Goods Vehicles) खरीदना अब महंगा हो जाएगा. राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2025 से मोटर वाहन कर (Road Tax) की दरों में बदलाव किया है. यह बदलाव महाराष्ट्र मोटर वाहन कर (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत लागू किया गया है.
क्या-क्या बदला है?
1% टैक्स की बढ़ोतरी
अब सीएनजी और एलपीजी से चलने वाले सभी निजी (नॉन-ट्रांसपोर्ट) वाहनों पर लगने वाले वन-टाइम टैक्स (One-Time Tax) में 1% की बढ़ोतरी कर दी गई है. इसका मतलब यह है, कि अब इन वाहनों को रजिस्टर कराते समय पहले के मुकाबले थोड़ा ज्यादा टैक्स देना होगा. उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति ने 10 लाख रुपये की सीएनजी कार खरीदी है, तो पहले उस पर 7% यानी 70,000 रुपये टैक्स लगता था, लेकिन अब उसे 8% यानी 80,000 रुपये देना होगा.
इसी तरह, 20 लाख रुपये की सीएनजी कार पर पहले 1.4 लाख रुपये टैक्स लगता था, जो अब बढ़कर 1.6 लाख रुपये हो जाएगा. यानी जितनी महंगी कार होगी, टैक्स में बढ़ोतरी भी उतनी ज्यादा महसूस होगी.
हाई-एंड कारों पर टैक्स की ऊपरी सीमा 30 लाख रुपये कर दी गई
अब तक किसी भी कार पर वन-टाइम टैक्स की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये थी, चाहे उस कार की कीमत कितनी भी ज्यादा क्यों न हो. लेकिन अब सरकार ने इस टैक्स की ऊपरी सीमा को बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया है. इसका सीधा असर महंगी और लग्ज़री कारों पर पड़ेगा. उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 2 करोड़ रुपये की डीजल कार खरीदता है, जिस पर 15% टैक्स बनता है, तो पहले उसे अधिकतम 20 लाख रुपये ही टैक्स देना होता था. लेकिन, अब उसी कार पर 30 लाख रुपये टैक्स देना होगा, यानी 10 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा.
इसी तरह, अगर वही 2 करोड़ रुपये की गाड़ी किसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड हो या विदेश से इंपोर्ट की गई हो, तो उस पर 20% टैक्स लगता है. पहले इसके बावजूद टैक्स 20 लाख रुपये तक ही सीमित था, लेकिन अब 30 लाख रुपये तक देना होगा.
पेट्रोल और डीजल कारों का टैक्स स्लैब
अगर कोई गाड़ी किसी व्यक्ति के नाम से रजिस्टर की गई है, तो पेट्रोल और डीजल कारों पर टैक्स उनकी कीमत के हिसाब से अलग-अलग दरों पर लगता है. पेट्रोल कारों के लिए, अगर कार की कीमत 10 लाख रुपये से कम है, तो 11% टैक्स लगेगा, 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच की कारों पर 12% और 20 लाख रुपये से ज्यादा की कारों पर 13% टैक्स देना होगा. जैसे अगर कोई व्यक्ति 2 करोड़ रुपये की पेट्रोल कार खरीदता है, तो उस पर अब 13% के हिसाब से 26 लाख रुपये टैक्स लगेगा, पहले यह टैक्स 20 लाख रुपये तक सीमित था.
वहीं, डीजल कारों पर टैक्स की दरें और भी ज्यादा हैं. 10 लाख रुपये से कम कीमत पर 13% टैक्स, 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच 14% और 20 लाख रुपये से ऊपर की डीजल कारों पर 15% टैक्स लिया जाएगा.
अगर कोई गाड़ी किसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर की गई हो या वह विदेश से इंपोर्ट की गई हो, तो उस पर सीधा 20% फ्लैट टैक्स लगेगा, भले ही उसकी कीमत कुछ भी हो.
लाइट गुड्स व्हीकल पर नया टैक्स सिस्टम
अब हल्के वाणिज्यिक वाहनों जैसे पिकअप ट्रक, जिनका कुल वजन 7,500 किलो तक होता है, उन पर वाहन की कीमत के हिसाब से सीधा 7% टैक्स लगाया जाएगा. पहले इन वाहनों पर टैक्स उनके वजन के आधार पर तय किया जाता था, लेकिन अब यह सिस्टम बदल दिया गया है.
इसी तरह, निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाले वाहन जैसे क्रेन, कंप्रेसर आदि पर भी अब 7% का वन-टाइम टैक्स लागू होगा. यानी इन सभी वाहनों को रजिस्टर कराते समय अब उनकी कीमत के अनुसार टैक्स देना होगा, न कि वजन के आधार पर.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर राहत बरकरार
सरकार ने यह साफ कर दिया है, कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर अभी भी रोड टैक्स में पूरी छूट जारी रहेगी. पहले ऐसा प्रस्ताव रखा गया था, कि 30 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 6% टैक्स लगाया जाए, लेकिन बाद में सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया. इसका मतलब यह है, कि अब चाहे इलेक्ट्रिक वाहन कितनी भी महंगी क्यों न हो, उस पर किसी तरह का वन-टाइम टैक्स नहीं लिया जाएगा, और इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को पहले की तरह टैक्स में पूरी राहत मिलती रहेगी.
सरकार को कितना फायदा?
इस नए संशोधन से महाराष्ट्र सरकार को अच्छा खासा फायदा होने की उम्मीद है. अनुमान लगाया जा रहा है, कि वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार को इससे करीब 170 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. टैक्स दरों में की गई यह बढ़ोतरी और नई कैपिंग व्यवस्था से राज्य की कमाई में इज़ाफा होगा, जिसे सरकार अन्य विकास कार्यों में इस्तेमाल कर सकेगी.