Pilibhit Shocker: एनेस्थेटिस्ट उपलब्ध नहीं होने पर डॉक्टरों ने सी-सेक्शन की जगह नॉर्मल डिलीवरी की, नवजात की मौत
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पीलीभीत, 3 मार्च: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के एक प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के असफल प्रयास के बाद एक नवजात शिशु की दुखद मौत के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. डॉक्टरों ने कथित तौर पर एनेस्थेटिस्ट की अनुपलब्धता के कारण अनुशंसित सिजेरियन सेक्शन को दरकिनार कर दिया और इसके बजाय नॉर्मल डिलीवरी का विकल्प चुना. काशीराम माया राज अस्पताल में शनिवार शाम को हुई इस घटना के बाद चिकित्सकीय लापरवाही के आरोप लगे और शोकाकुल परिवार में आक्रोश फैल गया. यह भी पढ़ें: VIDEO: गरीब पिता ने की बेटी की धूमधाम से शादी की तैयारी, लेकिन लालची दुल्हे के पिता ने कार और 20 लाख रूपए मांगे, नहीं देने पर नहीं पहुंची बारात, रायबरेली के बैंती गांव की घटना

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह दुखद घटना तब सामने आई जब राजीव कुमार मौर्य ने अपनी पत्नी अंजलि को प्रसव पीड़ा के बाद काशीराम माया राज अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने शुरू में प्रसव के लिए सिजेरियन सेक्शन की सिफारिश की, लेकिन एनेस्थेटिस्ट की अनुपस्थिति के कारण, कुमार को बताया गया कि प्रक्रिया में देरी होगी. जब उन्होंने चिंता व्यक्त की और अपनी पत्नी को दूसरे अस्पताल में ले जाने की मांग की, तो मेडिकल स्टाफ ने उन्हें आश्वासन दिया कि सामान्य प्रसव सुरक्षित होगा, जिस पर कुमार अनिच्छा से सहमत हुए.

हालांकि, प्रसव के बाद बच्चा जीवित नहीं बचा, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. परिवार ने तुरंत डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया, आरोप लगाया कि एनेस्थेटिस्ट की अनुपस्थिति और सिजेरियन के बजाय सामान्य प्रसव कराने के निर्णय के कारण बच्चे की मौत हो गई. इससे परिजन नाराज हो गए, उन्होंने तत्काल जवाबदेही की मांग की, जिसके बाद अधिकारियों को जांच में शामिल होना पड़ा.

घटना के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की. जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक कुमार और सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर सहित दो सदस्यीय जांच पैनल का गठन किया, ताकि इस त्रासदी में अस्पताल की भूमिका की जांच की जा सके. राज्य महिला आयोग ने भी हस्तक्षेप करते हुए निर्देश दिया कि जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नवजात शिशु का पोस्टमार्टम सरकारी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कैमरे के सामने किया जाए.