Elections 2022: चुनावों के दौरान मुफ्त में सामान देने की राजनीतिक दलों की घोषणाओं के खिलाफ जनहित याचिका खारिज
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एनजीओ हिन्दू सेना के उपाध्यक्ष द्वारा पांच चुनिंदा राजनीतिक दलों पर चुनावों में मुफ्त का सामान देने की घोषणा करने का आरोप लगाने का मुद्दा उठाया.
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मुफ्त का सामान देने की घोषणा करके मतदाताओं (Voters) को लुभाने का प्रयास करने वाले राजनीतिक दलों (Political Parties) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से बृहस्पतिवार को इंकार कर दिया और कहा कि उसे लगता है कि यह ‘अभिप्रेरित’ और ‘प्रचार हित याचिका’ है. UP Assembly Election 2022: सपा अध्यक्ष अखिलेश ने मुफ्त राशन के साथ घी, दूध, चीनी का देने की घोषणा की
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एनजीओ हिन्दू सेना के उपाध्यक्ष द्वारा पांच चुनिंदा राजनीतिक दलों पर चुनावों में मुफ्त का सामान देने की घोषणा करने का आरोप लगाने का मुद्दा उठाया.
पीठ ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि यह (याचिका) प्रेरित है और चुनिंदा दलों को नुकसान पहुंचाने के लिए है. आप किसी छुपे हुए एजेंडे के तहत ऐसा कर रहे हैं. आप कौन हैं?’’
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं एनजीओ हिन्दू सेना का उपाध्यक्ष हूं.’’
पीठ ने कहा, ‘‘आपकी याचिका में कुछ चुनिंदा दलों का नाम क्यों है, यह सामान्य प्रकृति की होनी चाहिए थी.’’ पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस ‘प्रचार हित याचिका’ में कोई छुपा हुआ हित है.
इस पर अधिवक्ता ने याचिका वापस ले ली.
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