नई दिल्ली: देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) के फोन टैपिंग मामलें में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. आरोप है कि डोभाल का फोन सीबीआई ने टैप किया था. इस मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने सीबीआई को भी नोटिस जारी किया और उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें दलील दी गई कि ऐसी गतिविधियां देश के लिए बहुत खतरनाक हैं. इसमें सवाल पूछा गया कि क्या सीबीआई ने डोभाल एवं अन्य की फोन टैपिंग के लिए अनुमति ली थी.
याचिकाकर्ता सार्थक चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने फोन टैपिंग एवं सर्विलांस पर मौजूदा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है. इसके साथ ही याचिका में दावा किया गया है कि रॉ के विशेष सचिव और विधि सचिव के फोनों पर भी सीबीआई ने नजर रखी.
चतुर्वेदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल ने अदालत में दलील दी, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के फोन टैप करने की इजाजत किसने दी? ये तथ्य सार्वजनिक रूप से सामने कैसे आये? यह देश के लिए बहुत खतरनाक है.’’
गौरतलब हो कि सीबीआई अधिकारियों द्वारा फोन टैपिंग कराए जाने का संदेह तब हुआ, जब सीबीआई के डीआईजी मनीष सिन्हा ने अपनी याचिका में NSA अजीत डोभाल और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के फोन पर बातचीत किए जाने की जानकारी दी. इसके अलावा मनीष सिन्हा के जूनियर सीबीआई के डीएसपी एके बस्सी ने भी फोन सर्विलांस की बात कही थी.