नई दिल्ली: पिछले साल के अंत में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई भारी गिरावट के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम घटने से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली थी. लेकिन अब उन्हें फिर जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है, क्योंकि नए साल में कच्चे तेल के भाव में तेजी का सिलसिला निरंतर जारी है. कच्चा तेल 60 डॉलर प्रति बैरल पर चला गया है. वहीं, डब्ल्यूटीआई 50 डॉलर प्रति बैरल के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया है.
नए साल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड अबतक 11 फीसदी से ज्यादा महंगा हो चुका है. पिछले महीने जहां ब्रेंट क्रूड का भाव 26 दिसंबर को 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया था, वहीं अब 60 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है. इस तरह पिछले एक पखवाड़े से कम समय में कच्चे तेल के दाम में करीब 10 डॉलर की तेजी आ गई है.
एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (मुद्रा व ऊर्जा शोध) अनुज गुप्ता बताते हैं, "अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव का असर भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम पर करीब 10 दिन बाद ही दिखता है. इस तरह, कच्चे तेल की हालिया तेजी से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है. उधर, कच्चे तेल के दाम में वृद्धि से देसी मुद्रा रुपये पर भी डॉलर के मुकाबले दबाव देखा जा रहा है."
अंतर्राष्ट्रीय बाजार से मिले मजबूत संकेतों से घरेलू वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के दाम में जबरदस्त तेजी आई है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर कच्चे तेल का जनवरी एक्सपायरी अनुबंध अपराह्न् 15.14 बजे 126 रुपये यानी 3.63 फीसदी तेजी के साथ 3,600 रुपये प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि फरवरी अनुबंध में 127 रुपये यानी 3.62 फीसदी की तेजी के साथ 3,638 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था.
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर ब्रेंट क्रूड के मार्च डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 1.99 फीसदी तेजी के साथ 59.89 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 60 डॉलर प्रति बैरल तक उछला.
वहीं, न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के फरवरी डिलीवरी अनुबंध में 2.25 फीसदी तेजी के साथ 50.90 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि कारोबार के दौरान भाव 50.95 डॉलर प्रति बैरल तक उछला.
गुप्ता ने कहा, "ओपेक देशों का समूह और गैर-ओपेक देशों में प्रमुख तेल उत्पादक रूस द्वारा संयुक्त रूप से 12 लाख बैरल रोजाना उत्पादन कटौती के फैसले और अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक विवादों को हल करने की दिशा में जारी बातचीत के कारण कच्चे तेल के दाम में बहरहाल तेजी देखी जा रही है."
पेट्रोल और डीजल के भाव में नए साल में एक दिन बढ़ोतरी होने के बाद लगातार दो दिनों से स्थिरता बनी हुई है. हालांकि बाजार के जानकार बताते हैं कि दाम में गिरावट थमने के बाद अब वृद्धि का सिलसिला फिर शुरू हो सकता है.