Petrol, Diesel Price Drop: उत्पाद शुल्क और राज्यों द्वारा टैक्स में कटौती से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी गिरावट! जानें कहां-कहां मिली डबल खुशखबरी
पेट्रोल पंप (Photo Credits: ANI/File)

नई दिल्ली: दिवाली (Diwali 2021) की पूर्व संध्या पर पेट्रोल (Petrol) पर पांच रुपये और डीजल (Diesel) पर 10 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क (Excise Duty) कम कर मोदी सरकार ने देश की जनता को बड़ी राहत पहुंचाई है. केंद्र सरकार के बाद कई राज्य सरकारों ने भी आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिए टैक्स (VAT) घटाने का निर्णय लिया. उत्पाद शुल्क और वैट में कटौती की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी गिरावट आई है. ‘वोट की चोट’ से कम हुआ पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क, संप्रग सरकार के समय के बराबर कीमत हो: कांग्रेस

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा के बाद आज से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में क्रमश 5 रुपये और 10 रुपये की कमी आ गई. जबकि वैट में कटौती करने वाले राज्यों में तेल के भाव और कम हो गए है. अब तक उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, गुजरात, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड, असम, सिक्किम, त्रिपुरा और मणिपुर की सरकारों ने भी मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती की घोषणा की है.

केंद्र के बाद इन राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल पर घटाया टैक्स, VAT में इतनी की कटौती

  • गुजरात: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर
  • उत्तर प्रदेश: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2 रुपये प्रति लीटर
  • बिहार: पेट्रोल 1.30 रुपये प्रति लीटर और डीजल 1.90 रुपये प्रति लीटर
  • हरियाणा: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2 रुपये प्रति लीटर
  • असम: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर
  • कर्नाटक: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर
  • उत्तराखंड: पेट्रोल 2 रुपये प्रति लीटर और डीजल में कोई राहत नहीं
  • गोवा: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर
  • मणिपुर: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर
  • त्रिपुरा: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर
  • कर्नाटक: पेट्रोल 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर

अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बीच पूरे साल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई है, सितंबर तक दोनों ईंधनों की कीमतों में 17 और 20 बार वृद्धि हुई है. जहां सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है, वहीं डीजल ने कई राज्यों में यह स्तर पार कर लिया है.

यह उत्पाद शुल्क में की गयी अब तक की सबसे अधिक कमी है. अप्रैल से अक्टूबर के खपत के आंकड़ों के आधार पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार को प्रति माह 8,700 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. जबकि सालाना आधार पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का असर पड़ेगा. इसके साथ मार्च 2020 से मई 2020 के बीच पेट्रोल एवं डीजल पर करों में 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है. उत्पाद शुल्क में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.

राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत बुधवार को 110.08 रुपये थी. इसकी कीमत पिछले छह महीनों में ही 20 रुपये बढ़ गई है. इसके साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मौजूदा 110.04 रुपये प्रति लीटर से घटकर 105.04 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत 98.42 रुपये प्रति लीटर से घटकर 88.42 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी. ऐसे में दिवाली के मौके पर की गयी इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी.