नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यालाय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें केंद्र सराकार को फेसबुक, ट्विटर और वेब न्यूज पोर्टलों को आधार से जोड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश देने के लिए कहा गया है जिससे कि फर्जी खबरों पर नियंत्रण लगाया जा सके.
अधिवक्ता और दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अश्वनी उपाध्याय ने दावा किया कि वर्तमान में देश में 3.5 करोड़ ट्विटर हैंडल और 32.5 करोड़ फेसबुक खाते संचालित हैं, और सोशल मीडिया विशेषज्ञों के अनुसार, प्रत्येक प्लेटफॉर्म में 10 प्रतिशत खाते फर्जी हैं.
याचिका में लिखा है, "प्रतिष्ठित लोगों और उच्च पदस्थ लोगों के नाम पर सैकड़ों फर्जी ट्विटर हैंडल और फर्जी फेसबुक अकाउंट हैं. ये फर्जी ट्विटर हैंडल और फर्जी फेसबुक अकाउंट संवैधानिक अधिकारियों की वास्तविक तस्वीरों का उपयोग करते हैं. इसलिए, आम आदमी उनपर प्रसारित होने वाले संदेशों पर विश्वास करता है."
याचिका में यह भी दावा किया गया कि फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट देश की शांति और सौहाद्र्र को खतरे में डालने वाले कई दंगों और सांप्रदायिक तनावों के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं.
याचिका में कहा गया, "राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने प्रचार के लिए इन फर्जी ट्विटर हैंडलों और फर्जी फेसबुक अकाउंट्स का उपयोग ना करें. वे विशेषकर चुनावों के समय, अपने विपक्षियों की छवि बिगाड़ने के लिए भी इनका उपयोग ना करें."
याचिका में यह कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय को सोशल मीडिया के फर्जी अकाउंट्स को बंद करने के लिए केंद्र सरकार को उचित कदम उठाने का निर्देश दे.