नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को कहा कि उसने 84 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering) के एक मामले में एक अनस अहमद (Anas Ahmed) नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी के चीनी लोगों के साथ संबंध होने का आरोप है और उसने कथित तौर पर पावरबैंक और इस तरह के अन्य धोखाधड़ी वाले मोबाइल एप्लिकेशन (Mobile Application) के माध्यम से धोखाधड़ी की. ईडी अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में अनस अहमद न्यायिक हिरासत में है और सीबी (CB), सीआईडी (CID), चेन्नई (Chennai) द्वारा दर्ज विधेय अपराध में पुझल सेंट्रल जेल (Puzhal Central Jail), चेन्नई में बंद है. India-China: चीनी सेना ने अरुणाचल से 17 साल के लड़के का किया अपहरण, भारतीय सेना ने वापसी की मांग की
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, गुरुवार को हमें माननीय प्रधानाचार्य सिटी सिविल एंड सेशंस और पीएमएलए मामलों, बेंगलुरु के विशेष न्यायाधीश से अनस की छह दिन की हिरासत मिली. हमें उसका बयान दर्ज करना होगा, हम उससे दस्तावेजी सबूत के साथ पूछताछ करेंगे.
ईडी अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आरोपियों की संस्थाओं के संचालन में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की. उन्होंने कथित तौर पर लोगों को पावरबैंक और ऐसे अन्य धोखाधड़ी वाले ऐप्स के माध्यम से निवेश करने के लिए दैनिक या साप्ताहिक आधार पर ब्याज भेजने का आश्वासन देकर कुछ राशि का निवेश करने के लिए प्रेरित किया.
निर्दोष लोगों से मोटी रकम वसूल कर आरोपी संस्थाओं ने अपना कथित धंधा बंद कर दिया और फिर उनसे संपर्क तोड़ लिया. ईडी अधिकारी ने कहा, आरोपी संस्थाओं ने न तो ब्याज का भुगतान किया और न ही किसी को मूल राशि लौटाई और जनता द्वारा किए गए निवेश को हड़प दिया, जिसके परिणामस्वरूप धोखाधड़ी हुई है.
अनस अहमद दो आरोपी फर्मों एचएंडएस वेंचर्स इंक और क्लिफोर्ड वेंचर्स में भागीदार है. ईडी के अधिकारी ने कहा कि ये दोनों पार्टनरशिप फर्म लोगों से 84 करोड़ रुपये की ठगी करने के लिए जिम्मेदार हैं.
अधिकारी ने कहा कि अनस अहमद के चीनी संबंध हैं और उसके बारे में पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड होने का संदेह है. उसने अवैध गतिविधियों में शामिल होते हुए धोखे से लोगों से धन एकत्र किया. धोखाधड़ी वाले ऐप्स के माध्यम से निवेश योजनाओं का लालच देकर उसने लोगों के साथ ठगी की. ईडी ने यह भी पाया है कि आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से उत्पन्न आय को भारत से बाहर भेजने और क्रिप्टो करंसी में निवेश करने के लिए कई शेल कंपनियों के माध्यम से यह गोरखधंधा चलाया जा रहा था.