Congress Review Meeting: 'जनता नहीं चाहती कांग्रेस का राज वापस आए', बिहार हारने के बाद रिव्यू मीटिंग पर भाजपा का तंज

बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की रिव्यू मीटिंग पर बयानबाजी जारी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस खत्म होने की कगार पर है. लोग कभी नहीं चाहते हैं कि कांग्रेस का राज वापस आए.

पटना, 28 नवंबर : बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की रिव्यू मीटिंग पर बयानबाजी जारी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस खत्म होने की कगार पर है. लोग कभी नहीं चाहते हैं कि कांग्रेस का राज वापस आए. भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष और मंत्री दिलीप जायसवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से समाप्त होने जा रही है. राहुल गांधी इसे पूरी तरह डुबो देंगे.

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, "कांग्रेस के रिव्यू का मकसद क्या था? उन्होंने खुद को जिस हालत में छोड़ा था, वह अस्थिर थी. बिहार में किसी भी नागरिक को कोई मुश्किल नहीं हुई, फिर भी कांग्रेस ने 'वोट चोरी' और ऐसे ही मुद्दों पर पूरे समय अपना फोकस बनाए रखा." उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उनके क्षेत्र इलाके में लगभग 72 प्रतिशत वोटिंग हुई, जिससे पता चलता है कि जनता वोट देने के लिए कितनी उत्साहित थी. संजय जायसवाल ने कहा, "जब जनता उत्साहित होती है, तो वह कभी नहीं चाहती कि कांग्रेस का राज वापस आए, जिसके राज में नागरिकों को सिर्फ मुश्किलों का सामना करना पड़ा." यह भी पढ़ें : PM Modi Karnataka Visit: जनसंघ और भाजपा के सुशासन मॉडल का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है उडुपी; पीएम मोदी

बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी हार के कोई भी कारण गिनाए, लेकिन मुख्य कारण यह है कि पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं की ओर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा, "30 साल से कांग्रेस की हार के कारण बदलते रहे हैं. इस पर कांग्रेस को आत्ममंथन करने की जरूरत है. बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से कांग्रेस लगभग निपट चुकी है. सिर्फ नेताओं को बुला लेने और अखबारों में खबर छप जाने से कोई फायदा नहीं होगा."

जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कांग्रेस की रिव्यू मीटिंग पर कहा, "एक राजनीतिक दल को निसंदेह हार के बाद मंथन करना चाहिए, क्योंकि इससे कारण सामने आते हैं. लेकिन कांग्रेस की बिहार इकाई को राहुल गांधी की वजह से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. गैर-जरूरी मुद्दों को उन पर थोपा गया. जनता से जुड़े सवालों से कांग्रेस दूर चली गई थी."

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