Pegasus Spyware Scandal: दिग्विजय सिंह ने 2019 में सबसे पहले उठाए थे पेगासस पर सवाल, इन 40 लोगों की करवाई गई अवैध जासूसी, देखें लिस्ट
Pegasus Spyware Scandal: पेगासस जासूसी मामले में संसद सत्र के दौरान जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित देश भर के अलग-अलग 40 लोगों की जासूसी के मामले में विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. इसके चलते कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही भी स्थगित करना पड़ी. इसे लेकर राहुल गांधी ने ट्विट कर प्रधानमंत्री मोदी पर इशारों ही इशारों में निशाना साधा. उन्होंने ट्विट कर कहा,आप मोबाइल पर क्या कर रहे हैं, वे सब पढ़ रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, उसके डर पर हंसी आती है.
सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर से जासूसी कराने वाली खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिये बयान में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण और निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है. यह भी पढ़े: Pegasus Spyware: सांसद बिनॉय विश्वम ने पेगासस स्पाइवेयर खुलासे के बाद बिजनेस नोटिस किया निलंबित
देश में दिग्विजय ने उठाया था सबसे पहले मामला
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने वर्ष 2019 में पेगासस से जासूसी करवाने का आरोप लगाया था. उन्होंने संसद सत्र की कार्यवाही के दौरान कहा था कि मोदी सरकार अवैध तरीके से लोगों की जासूसी करवा रही है. ये कानूनन अपराध है इसकी जांच करवाई जानी चाहिए.
300 भारतीयों की जासूसी 40 के नाम आए सामने
न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ ने दावा किया है भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीयों की अवैध रूप से जासूसी करवाई है। इन लोगों में विपक्ष के नेता, पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता सहित बिजनेसमैन शामिल हैं। सरकार ने पेगासस स्पायवेयर से इन लोगों के फोन हैक करवाए थे। हांलाकि सरकार ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए निराधार बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन 300 लोगों की जासूसी करवाई गई उनमें से 40 लोगों के नाम सामने आ चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिन्दुस्तान के कार्यकारी संपादक शिशिर गुप्ता सहित द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह इन पत्रकारियों की पेगासस के जरिए जासूसी करवाई गई.
रोहिणी सिंह- पत्रकार, द वायर
स्वतंत्र पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी
सुशांत सिंह, इंडियन एक्सप्रेस में डिप्टी एडिटर
एसएनएम अब्दी, आउटलुक के पूर्व पत्रकार
परंजॉय गुहा ठाकुरता, ईपीडब्ल्यू के पूर्व संपादक
एमके वेणु, द वायर के संस्थापक
सिद्धार्थ वरदराजन, द वायर के संस्थापक
एक भारतीय अख़बार के वरिष्ठ संपादक
झारखंड के रामगढ़ के स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह
सिद्धांत सिब्बल, वियॉन के विदेश मंत्रालय के पत्रकार
संतोष भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व सांसद
इफ्तिखार गिलानी, पूर्व डीएनए रिपोर्टर
मनोरंजना गुप्ता, फ्रंटियर टीवी की प्रधान संपादक
संजय श्याम, बिहार के पत्रकार
जसपाल सिंह हेरन, दैनिक रोज़ाना पहरेदार के प्रधान संपादक
सैयद अब्दुल रहमान गिलानी, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर
संदीप उन्नीथन, इंडिया टुडे
विजेता सिंह, द हिंदू की गृहमंत्रालय से जुड़ी पत्रकार
मनोज गुप्ता, टीवी 18 के इंवेस्टिगेटिव एडिटर
हिंदुस्तान टाइम्स समूह के चार वर्तमान और एक पूर्व कर्मचारी ( कार्यकारी संपादक शिशिर गुप्ता, संपादकीय पेज के संपादक और पूर्व ब्यूरो चीफ प्रशांत झा, रक्षा संवाददाता राहुल सिंह, कांग्रेस कवर करने वाले पूर्व राजनीतिक संवाददाता औरंगजेब नक्शबंदी)
हिंदुस्तान टाइम्स समूह के अख़बार मिंट के एक रिपोर्टर
सुरक्षा मामलों पर लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रेमशंकर झा
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा रिपोर्टर सैकत दत्ता
स्मिता शर्मा, टीवी 18 की पूर्व एंकर और द ट्रिब्यून की डिप्लोमैटिक रिपोर्टर
क्या है पेगासस
पेगासस एजराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी द्वारा तैयार किया गया सॉफ्टवेयर है. पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल दुनिया के कई देश कर रहे हैं. यह जासूसी के काम आता है जो मोबाइल से संबंधित है. इसे लेकर पहले भी विवाद हो चुका है. मेक्सिको से लेकर सऊदी अरब की सरकार तक पर इसके इस्तेमाल को लेकर विवाद गरमा चुका है. फेसबुक के अलावा कई अन्य कंपनिया पहले ही पेगासस पर मुकदमे कर चुकी है.