पीडीपी का युवा नेता वहीद पारा राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवादियों को धन मुहैया कर रहा था: एनआईए
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने आरोप लगाया है कि पीडीपी का युवा नेता वहीद-उर-रहमान पारा हथियारों की तस्करी और आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया करने में संलिप्त रहा है.
नयी दिल्ली, 28 मार्च : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने आरोप लगाया है कि पीडीपी का युवा नेता वहीद-उर-रहमान पारा हथियारों की तस्करी और आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया करने में संलिप्त रहा है. केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Investigative Agency) ने यह आरोप भी लगाया है कि वह पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जम्मू कश्मीर के अहम संस्थानों में उनके लिए राह बनाने की साजिश रचने में संलिप्त रहा है. आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया करने के मामले में जम्मू की एक अदालत में हाल ही में दाखिल किये गये एक पूरक आरोप पत्र के मुताबिक जांच एजेंसी ने 2010 से पारा की गतिविधियों को गिनाते हुए आरोप लगाया है कि उसने 20 से 25 युवाओं का एक समूह बनाया था, जो प्रदर्शनों के दौरान उसके इशारे पर पथराव करने में संलिप्त था. आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया करने के इस मामले में डीएसपी दविंदर सिंह भी कथित तौर पर संलिप्त था. एनआईए ने आरोप लगाया कि पारा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से अपने लिए राजनीतिक लाभ प्राप्त करने को लेकर ऐसा किया. पार्टी पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर में 2010 में विपक्ष में थी.
गौरतलब है कि उत्तर कश्मीर (North kashmir) के माछिल इलाके में 2010 में तीन युवकों की हत्या के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुए थे. इन तीनों युवकों को आतंकवादी करार दिया गया था. प्रदर्शनों में 126 लोगों की जान चली गई थी. हालांकि, पुलिस ने सेना के कर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. पारा, फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. उसे पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था. उसने आतंकवादी संगठनों के साथ साठगांठ रखने से इनकार किया है. वहीं, उसकी पार्टी पीडीपी ने कहा है कि मामले में उसे इसलिए फंसाया गया है कि उसने भाजपा समर्थित राजनीतिक दलों में शामिल होने से इनकार कर दिया था. एनआईए ने आरोप लगाया है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन ने मुख्य धारा की राजनीति से पारा जैसे कुछ नेताओं से सहयोग मांगा था. जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा कि साठगांठ से यह साबित होता है कि मुख्य धारा के कुछ नेता भी संलिप्त रहे हैं और वे अपने चुनाव प्रचार के दौरान सहयोग पाने और चुनाव प्रक्रिया में अपने कार्यकर्ताओं की मदद के लिए आतंकी संगठनों से मदद मांग रहे हैं. यह भी पढ़ें : गोरखपुर से लखनऊ के बीच विमान सेवा शुरू, सीएम योगी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ दिखाई हरी झंडी
एनआईए ने कहा, ‘‘मुख्य धारा के ये नेता धन मुहैया करा कर यह सहयोग मांग रहे हैं और ऐसा कर चुनावी प्रक्रिया का मखौल उड़ा रहे हैं. ’’ जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पारा 2016 में कुपवाड़ा इलाके से दक्षिण कश्मीर में हथियारों की तस्करी करने में संलिप्त रहा है, जब पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर में पीडीपी की भाजपा के साथ गठबंधन सरकार थी. एनआईए ने कहा, ‘‘वह (पारा) अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ कुपवाड़ा इलाका जाया करता था और अपने वाहन में हथियार लाता था क्योंकि एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शख्सियत होने के चलते रास्ते में सुरक्षा एजेंसियां उसके वाहन की जांच नहीं करती थी.’’