PAK सेना द्वारा 1971 में मारे गए लाखों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करें: तिरुमूर्ति
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit: ANI)

संयुक्त राष्ट्र, 9 दिसंबर : संयुक्त राष्ट्र(United Nation) में बुधवार को मनाए गए ‘अंतरराष्ट्रीय नरसंहार पीड़ित दिवस’ के दौरान भारत ने 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान(Pakistan) की सेना और धार्मिक मिलिशिया द्वारा मारे गए तीस लाख लोगों और बलात्कार का शिकार हुईं हजारों महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया और इसे ‘‘मानव इतिहास की सबसे भयावह घटना’’ बताया.

पाकिस्तान की सेना ने 1971 में 25 मार्च की आधी रात को पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान में अचानक धावा बोल दिया था जो युद्ध की शुरुआत थी. 16 दिसंबर को पाकिस्तान के हार स्वीकार कर लेने और ढाका में बंगाली स्वतंत्रता सेनानियों एवं भारतीय सेना के समक्ष बिना शर्त आत्मसमर्पण करने के साथ युद्ध का अंत हुआ था.

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आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक नौ महीने चली जंग में 30 लाख लोग मारे गए थे.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने हैशटैग(Hashtags) ‘प्रिवेंट जेनोसाइड’(Prevent genocide) के साथ ट्वीट किया, ‘‘नौ दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय नरसंहार पीड़ित दिवस है, 1971 में हुए मानव इतिहास के सबसे भयावह घटनाक्रम में पाकिस्तानी सेना और धार्मिक मिलिशिया द्वारा पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान में मारे गए 30 लाख लोगों और बलात्कार की शिकार हुईं 2,00,000 या अधिक महिलाओं को आएं इस दिन श्रद्धांजलि देते हैं. काश ऐसा अब कभी न हो.’’

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नरसंहार के अपराध के पीड़ितों की स्मृति एवं सम्मान में तथा इस अपराध की रोकथाम के लिए नौ दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है.

संरा महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि नरसंहार सबसे घृणित अपराधों में से है. उन्होंने कहा, ‘‘यह साझा बुनियादी मूल्यों पर हमला है.’’